मजबूरी में करना पड़ा काम तो शौक को बनाया बिजनेस, ऐसे बनीं ममता बिजनेस वुमेन

2 hours ago 1

X

ममता

ममता गर्ग

मेरठ: जीवन में कई बार कठिन परिस्थितियां आती हैं, जिनसे उबरने का कोई साफ रास्ता नहीं दिखता. लेकिन जो व्यक्ति इन परिस्थितियों के बीच भी अपनी राह बनाकर आगे बढ़ता है, वही सफलता हासिल कर दूसरे लोगों के लिए मिसाल बन जाता है. मेरठ की रहने वाली ममता गर्ग ने भी ऐसी ही मिसाल पेश की है. उन्होंने जीवन के अनेक उतार-चढ़ाव का सामना करते हुए कभी हिम्मत नहीं हारी. आज वे महिला उद्यमी के रूप में एक विशिष्ट पहचान रखती हैं. लोकल-18 की टीम ने इस विशेष साक्षात्कार में ममता गर्ग से उनके इस सफर के बारे में बात की.

नौकरी की अनुमति नहीं मिली तो बच्चों को सिखाने लगी हैंडीक्राफ्ट
ममता गर्ग बताती हैं कि उन्होंने एमएससी तक पढ़ाई की है. उनका भी सपना था कि वे नौकरी करके आगे बढ़ें लेकिन उनकी ससुराल में नौकरी करना पसंद नहीं किया गया. ऐसे में उन्होंने घर पर ही बच्चों को हैंडीक्राफ्ट की क्लास लेना शुरू की. इससे न केवल उनका शौक पूरा हुआ, बल्कि वे नई-नई चीजें भी बनाकर घर को सजाती रहीं, जिससे घर खूबसूरत दिखने लगा.

पति की मौत के बाद सब कुछ हो गया था बर्बाद
ममता गर्ग ने बताया कि साल 2010 में उनके पति का निधन हो गया, जिससे घर की पूरी जिम्मेदारी उन पर आ गई. उन्होंने अपने शौक को ही व्यवसाय में बदलने का निश्चय किया और धीरे-धीरे काम शुरू किया. इसी बीच उनके देवर ने बताया कि उनके पति ने काफी कर्ज लिया हुआ था, जिसे चुकाने में उनकी सारी जमा पूंजी चली गई. इस घटना के बाद वे बीमार भी पड़ गईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. बीमारी से ठीक होने के बाद किराए की दुकान लेकर अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाया. उनकी सास ने इस दौरान उनका भरपूर सहयोग किया, जिसकी बदौलत आज वे एक सफल उद्यमी के रूप में जानी जाती हैं.

ग्राहक बनकर आई महिला ने दिखाई राह
ममता बताती हैं कि उन्होंने हैंडीक्राफ्ट के साथ बैग मैन्युफैक्चरिंग और शादी-विवाह से संबंधित सजावटी उत्पाद बनाने शुरू कर दिए, जिनकी अच्छी मांग आने लगी. पर उनके पास उतनी पूंजी नहीं थी कि वे व्यवसाय को बड़ा रूप दे सकें. इसी बीच एक दिन उनकी दुकान पर एक लोन मैनेजर सामान खरीदने आई, जिसने प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई स्टार्टअप योजना के बारे में बताते हुए उन्हें लोन दिलाने में मदद की. ममता कहती हैं कि इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. अब वे शादी-विवाह से संबंधित हर प्रकार का सामान तैयार करती हैं और त्योहारों के लिए पारंपरिक आइटम भी बनाती हैं.

विदेश तक है डिमांड
ममता गर्ग बताती हैं कि उनके बेटे-बहू उनके बनाए हुए उत्पादों को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर शेयर करते हैं, जिससे विदेशों में भी उनके सामान की डिमांड रहती है. उनके साथ 10 महिलाएं स्थायी रूप से काम करती हैं और अन्य कई महिलाओं को भी उनके घर पर रोजगार उपलब्ध करा रही हैं. अपनी मेहनत के बलबूते पर वे सालाना 50 से 55 लाख रुपये का टर्नओवर कर लेती हैं. ममता गर्ग को नोएडा में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में भी बड़े ऑर्डर मिले थे. उनके द्वारा तैयार किए गए सभी सजावटी उत्पाद पूरी तरह हैंडीक्राफ्ट पर आधारित होते हैं.

Tags: Inspiring story, Local18, Meerut news, News18 uttar pradesh

FIRST PUBLISHED :

October 26, 2024, 08:53 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article