गाजियाबाद:
दिल्ली से सटे गाजियाबाद में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला को मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाकर पहले डिजिटल अरेस्ट किया गया. साइबर क्रिमिनल ने महिला को वॉट्सऐप कॉल के ज़रिए कथित बड़े अधिकारी के सामने पेशी भी कराई. फिर उससे लाखों रुपये ऐंठ लिए. महिला से दो किश्तों में पैसे मांगे गए. पहली किस्त में 20 लाख रुपये और दूसरी में 29 लाख रुपयों की मांग की गई. महिला ने पहली किश्त के 20 लाख ट्रांसफर भी कर दिए. महिला जब 29 लाख देने के लिए बैंक में अपनी FD तुड़वाने पहुचीं तो बैंक वालों की सतर्कता से रुपये बच गए. वहीं, पुलिस और बैंक ने मिलकर किस्त के 6 लाख रुपये भी वक्त रहते फ्रीज़ करवा दिए. इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है.
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मामला इंदिरापुरम का है. एडिशनल सीपी दिनेश पी ने बताया कि पीड़ित महिला लज्जा के पास 11 नवंबर की सुबह वॉट्सऐप पर एक कॉल आई थी. कॉल करने वाले ने खुद को पुलिस अफसर बताया और महिला के अकाउंट से मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया. बुजुर्ग महिला के पति की मौत हो चुकी है. वह अकेली रहती हैं. इसलिए इस तरह के कॉल से वह डर गईं.
पीड़ित महिला की कराई गई FIR के मुताबिक, उन्होंने पहले तो फोन काट के अपनी बेटी से बात करना चाहा. लेकिन डिजिटल अरेस्ट करने वाले आरोपियों ने उसके लिए मना कर दिया. साइबर क्रिमिनल ने बताया कि उनकी पूर्व CJI के सामने वीडियो कॉल पर पेशी होनी है. पेशी से डरी महिला से इसके बाद 20 लाख रुपये की डिमांड की गई.
महिला ने 11 नवंबर को ही 20 लाख रुपये बैंक में जमा कराए थे. उन्होंने बताए गए बैंक अकाउंट पर सारे पैसे ट्रांसफर कर दिए. इतनी रकम जमा होने के बाद डिजिटल अरेस्ट करने वाले ने दोबारा कॉल किया. अब 29 लाख रुपये की डिमांड की गई. दूसरी किस्त का इंतजाम करने के लिए महिला अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट को तुड़वाने के लिए बैंक गई थीं. पूरी बात जानने पर बैंक के अधिकारी महिला को साइबर फ्रॉड की जानकारी देते हैं. इसके बाद महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. अब पुलिस मामले की जांच कर रही है.