प्रयागराज: महाकुंभ मेला क्षेत्र में भगदड़ की घटना के एक दिन बाद प्रदेश सरकार ने भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास और तेज कर दिए हैं। बुधवार तड़के हुई घटना में 30 लोगों की मृत्यु हो गई थी और 60 लोग घायल हो गए थे। हालांकि गुरुवार को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का मेला क्षेत्र में आना जारी है और भगदड़ की घटना का यहां आ रहे श्रद्धालुओं पर कोई खास असर दिखाई नहीं दे रहा। इस बीच सरकार ने मेला क्षेत्र में भीड़ के प्रबंधन के लिए 5 बड़े उपाय अपनाए हैं, जिनमें बाहरी वाहनों के प्रवेश पर बैन से लेकर VVIP पासों को रद्द किया जाना शामिल है।
मेला क्षेत्र में भीड़ के प्रबंधन के लिए अपनाए गए उपाय
- नो-व्हीकल जोन: प्रयागराज में नो व्हीकल जोन बनाया गया है और महाकुंभ मेला क्षेत्र में सभी प्रकार के वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
- VVIP पास रद्द: किसी को भी VVIP पास नहीं दिया जाएगा। सभी VVIP पास रद्द कर दिए गए हैं ताकि किसी को भी विशेष प्राथमिकता न मिले।
- वन-वे रूट: श्रद्धालुओं की आवाजाही को सुचारू बनाने के लिए वन-वे ट्रैफिक रूट सिस्टम भी लागू किया गया है।
- बाहरी वाहनों के लिए नो एंट्री: राज्य सरकार ने कहा कि भीड़भाड़ कम करने के लिए प्रयागराज के पड़ोसी जिलों से आने वाली कारों को जिले की सीमाओं पर रोका जा रहा है।
- 4 फरवरी तक प्रतिबंध: व्यवस्था बनाए रखने के लिए 4 फरवरी तक मेला क्षेत्र में चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही ड्रोन और हेलीकॉप्टर से मेला क्षेत्र की निगरानी की जा रही है।
गोयल और गोस्वामी को दी गई बड़ी जिम्मेदारी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेला क्षेत्र में पुलिस प्रशासन, एंबुलेंस, ‘सक्शन’ मशीन की गाड़ी आदि के प्रवेश को बनाए रखा जाएगा क्योंकि इनके बिना मेले का सुचारू संचालन नहीं हो सकेगा। बता दें कि प्रदेश सरकार व्यवस्थाओं को और दुरुस्त करने के लिए कुंभ मेला 2019 में सेवाएं दे चुके वरिष्ठ अधिकारियों आशीष गोयल और भानु गोस्वामी को भी महाकुंभ मेले में तैनात करेगी। पिछले कुंभ के दौरान आशीष गोयल प्रयागराज के मंडलायुक्त थे, जबकि गोस्वामी प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इनके अलावा, 5 विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों को भी मेले की ड्यूटी में लगाया जा रहा है। ये सभी 12 फरवरी तक प्रयागराज में रहेंगे।