‘मैं आधुनिक अभिमन्यु हूं, चक्रव्यूह को तोड़ना जानता हूं…’ महाराष्ट्र चुनाव में महायुति की प्रचंड के बाद देवेंद्र फडणवीस का यह कथन अपने आप में बहुत कुछ कहता है. बीजेपी ने यहां 149 सीटों पर चुनाव लड़ा और 133 सीटों पर जीत दर्ज की. बीजेपी और यहां तक पूरी महायुति की जीत का सेहरा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस के सिर पर बांधा जा रहा है. बीजेपी की तरफ से तो उन्हें दोबारा से सीएम बनाने की मांग भी पुरजोर तरीके से उठने लगी है.
हालांकि इस बीच शिवसेना चीफ और मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के तेवर ने यहां अगले सीएम को लेकर खींचतान की अटकलों को हवा दे दी है. मुख्यमंत्री को लेकर न्यूज18 इंडिया के सवाल पर एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘तीनों पार्टियां बैठेंगी, जैसे सीटों का बंटवारा हुआ वैसे ही सब होगा. कोई मतभेद नहीं है.
सीएम पद को लेकर क्या बोले फडणवीस?
वहीं इस पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए कोई फॉर्मूला तय नहीं है. उन्होंने कहा, ‘हम मुख्यमंत्री शिंदे और अजित पवार के साथ इस पर चर्चा करेंगे. अठावले जी का भी हम मश्विरा लेंगे और निर्णय लिया जाएगा. इस पर कोई भ्रम या मतभेद नहीं है. यह काफी पहले ही तय हो गया था.’
अब सीएम पद को लेकर एकनाथ शिंदे के तेवरों और फिर देवेंद्र फडणवीस के इस जवाब ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. सवाल यह कि क्या एकनाथ शिंदे 2019 की कहानी रिपीट करेंगे, जब मुख्यमंत्री पद के चलते उद्धव ठाकरे ने बीजेपी से गठबंधन तोड़कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बना ली थी. आइए जानते हैं कि एकनाथ शिंदे के तेवरों में कितना दम है? क्या वह एक बार फिर उद्धव जैसा ही खेल कर पाएंगे.
वैसे इस सवाल का जवाब संख्या बल में छिपा है. महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में सरकार बनाने के लिए बहुमत का जादुई आंकड़ा 145 है. इस बार के चुनाव में बीजेपी ने 149 सीटों पर चुनाव लड़कर 132 सीटों पर जीत दर्ज की. वहीं एकनाथ शिंदे की शिवसेना 82 सीटों पर चुनाव लड़कर 57 सीटों पर जीत दर्ज की. महायुति गठबंधन के तीसरे घटक दल यानी अजित पवार की एनसीपी ने 59 सीटों पर चुनाव लड़ा और 41 सीटें अपने नाम कीं.
2019 में भी सीएम पद पर फंस गई थी बात
इस तरह देखें तो महायुति 234 सीटें हासिल करके प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है. वैसे पिछले चुनाव में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन का हाल भी कुछ ऐसा ही था. तब बीजेपी ने 105 सीटें जीती थी, जबकि शिवसेना ने 56 सीटें अपने नाम की थी. तब भी यह गठबंधन 161 सीटों के साथ सरकार बनाने की स्थिति में था. हालांकि आखिरी वक्त में उद्धव ठाकरे सीएम पद को लेकर अड़ गए. उनकी मांग थी कि राज्य का सीएम शिवसेना से ही होना चाहिए.
इस मांग को लेकर बात बढ़ गई और बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी रही शिवसेना ने नाता तोड़कर कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिला. इस तरह उद्धव ठाकरे राज्य के सीएम बने. हालांकि उनकी यह सरकार ज्यादा चल नहीं सकी और एकनाथ शिंदे शिवसेना तोड़कर बीजेपी से जा मिले और गठबंधन सरकार में महाराष्ट्र की बागडोर संभाली.
तो क्या शिंदे सीएम पद को लेकर इस बार बीजेपी को झटका दे सकते हैं? चुनाव नतीजों पर पर गौर करें तो इसकी संभावना बेहद कम दिखती है. यहां अकेले बीजेपी 132 सीटों पर जीत मिली है. ऐसे में बीजेपी को बहुमत के लिए केवल 13 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी. ऐसे में अगर शिंदे उससे नाता तोड़ते भी हैं तो बीजेपी अजित पवार के सहारे ही सरकार बना सकती है.
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FIRST PUBLISHED :
November 23, 2024, 22:34 IST