महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के बाद की राजनीतिक तस्वीर अब साफ होने लगी है. रुझानों में पता चलता है कि भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले महायुति गठबंधन की सरकार बनने जा रही है. कुल 288 सीटों में से महायुति 212 सीटों पर आगे चल रहा है, जबकि महाआघाड़ी गठबंधन केवल 64 सीटों पर ही बढ़त बना पाने में सफल रहा है. महायुति को बहुमत मिलने के पूरे-पूरे आसार हैं. यदि ऐसा हुआ तो देंवेंद्र फडणवीस का मुख्यमंत्री बनना भी तय है. नई सरकार से वैसे तो पूरे राज्य को ही बड़ी उम्मीदें होंगी, लेकिन घर खरीदारों को भी काफी उम्मीदें हैं.
मुंबई में रहने वाले लोगों के लिए देश के सबसे महंगे रियल एस्टेट मार्केट में घर खरीदना आसान नहीं है. यदि कोई खरीद भी लेता है तो उसे बहुत-सी अन्य समस्याएं घेर लेती हैं. ऐसे में मध्यम आय वर्ग नई सरकार से आवास पर ध्यान देने, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करने और अटके हुए प्रोजेक्ट्स को पूरा कराने की उम्मीद कर रहे हैं. गौरतलब है कि मुंबई का रियल एस्टेट बाजार भारत में सबसे महंगा है. यहां रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की कीमत 20,000 रुपये प्रति वर्ग फुट से शुरू होकर 1.50 लाख रुपये प्रति वर्ग फुट तक जाती है.
नई सरकार से क्या चाहते हैं होमबायर्स?
1. स्टाम्प ड्यूटी कम करें और तर्कसंगत हो जीएसटी
मुंबई के होमबायर्स चाहते हैं कि सरकार संपत्ति पर लगाए जाने वाले टैक्स को कम करे. फिलहाल, होमबायर्स को स्टाम्प ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन शुल्क और जीएसटी (यदि प्रोजेक्ट निर्माणाधीन है) जैसे टैक्स चुकाने पड़ते हैं. एचटी की रिपोर्ट में दक्षिण मुंबई निवासी ओवैस मिर्जा के हवाले से लिखा गया है, “मुझे लगता है कि सरकार स्टाम्प ड्यूटी को 6 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी कर सकती है, ताकि लागत कम हो. साथ ही, निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स पर जीएसटी क्यों लगना चाहिए?”
महाराष्ट्र में स्टाम्प ड्यूटी 5% से 7% तक होती है. 30 लाख रुपये तक की संपत्तियों के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क 1 फीसदी है, और 30 लाख से ऊपर की संपत्तियों के लिए 30,000 रुपये होता है.
2. MHADA के घरों की संख्या
महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) राज्य में किफायती आवास प्रदान करने वाली प्रमुख एजेंसी है. यह प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) को भी लागू करती है. पिछले दो वर्षों में MHADA को 2 लाख से अधिक आवेदन मिले हैं, लेकिन यह केवल 6,000 घर ही उपलब्ध करा पाई है. मुंबई निवासी विष्णु परब ने कहा, “30 लाख रुपये से 50 लाख के बजट में घर खरीदने वालों के लिए हालात निराशाजनक हैं. 1 करोड़ रुपये के बजट वाले तो निजी डेवलपर्स से घर खरीद सकते हैं, लेकिन बाकी का क्या?” बता दें कि अथॉरिटी अगले 5 वर्षों में मुंबई में 50,000 किफायती घर बनाने और इन्हें सालाना लॉटरी के माध्यम से बेचने की योजना बना रही है.
3. बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर की मांग
मुंबई में रहने वालों को लगता है कि सड़कों, फुटपाथों और यातायात प्रबंधन की स्थिति में सुधार की आवश्यकता है. मानसून के दौरान हर साल जलभराव और बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए भी ठोस कदम उठाने की जरूरत है.
4. महा-रेरा में शिकायतों का जल्द समाधान हो
होमबायर्स का कहना है कि महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (महा-रेरा) में दर्ज शिकायतों की सुनवाई शुरू होने में बहुत समय लगता है. ठाणे के एक होमबायर ने कहा, “हमने 2021 और 2022 में डेवेलपर के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराईं. 2024 में हमारी सुनवाई और आदेश हो रहे हैं. यह 2-3 साल लंबी प्रक्रिया है. नई सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शिकायतों का निपटारा जल्द हो.”
5. अटके प्रोजेक्ट्स और पुनर्विकास पर ध्यान दें
मुंबई में लगभग 10,000 पुरानी इमारतों को फिर से डेवलप कराए जाने की आवश्यकता है. डेटा एनालिटिक्स फर्म प्रॉपइक्विटी के मुताबिक, “देशभर में 44 शहरों के 2,000 निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स में 5 लाख से अधिक यूनिट्स अटकी पड़ी हैं. इनमें वित्तीय कुप्रबंधन और डेवलपर्स की अक्षमता मुख्य कारण हैं.” मुंबई में अभी 234 प्रोजेक्ट अटके हुए हैं, जिनमें 37,883 यूनिट्स हैं.
Tags: Devendra Fadnavis, Maharashtra Elections, Real property market
FIRST PUBLISHED :
November 23, 2024, 12:56 IST