महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सोमवार को पार्टियों के बीच जमकर वार-पलटवार हुआ। कांग्रेस नेता राहुल गांधी प्रेस कांफ्रेंस में एक तिजोरी लेकर पहुंचे और उसे खोलकर कुछ पोस्ट निकाले और बीजेपी पर जमकर हमला बोला। राहुल ने बीजेपी के 'एक हैं तो सेफ हैं' के नारे पर तंज कसा और पोस्टर में पीएम मोदी एवं उद्योगपति गौतम अडानी को दिखाकर नारे का मतलब समझाया। राहुल ने आरोप लगाया कि मुंबई के धारावी को बीजेपी सरकार ने अडानी को दे दिया।
राहुल के हमले के जवाब में बीजेपी ने भी तुरंत प्रेस कांफ्रेंस की और बैकग्राउंड में बड़ा सा पोस्टर लगवाया, जिसमें शरद पवार, अशोक गहलोत, रॉबर्ट वाड्रा, रेवंत रेड्डी, भूपेंद्र हुड्डा के साथ गौतम अडानी की तस्वीरें थीं। बीजेपी नेता विनोद तावड़े ने कहा कि अडानी का सबसे ज्यादा विकास कांग्रेस के राज में हुआ। तावड़े ने कहा कि जब कांग्रेस सरकारें अडानी के साथ डील करती हैं तो वो सही है, लेकिन बीजेपी की सरकार में विकास के कामों के टेंडर ट्रांसपेरेंट तरीके से अडानी को मिलते हैं, तो कांग्रेस को खटकते हैं।
राहुल के वार पर बीजेपी का पलटवार
विनोद तावड़े ने मुंबई में हमला बोला तो बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा दिल्ली में पोस्टरों के साथ प्रेस कांफ्रेस की। एक पोस्टर में सोनिया राहुल को नेशनल हेराल्ड मामले का आरोपी दिखाया गया और दूसरे में लिखा था, 'छोटा पोपट ने कर दिया कांग्रेस को चौपट'। संबित पात्रा ने कहा कि राहुल ने जो आरोप लगाए हैं इसके लिए उन्हें वैसे ही माफी मांगनी पड़ेगी जैसे 2019 में 'चौकीदार चोर है' वाले नारे के लिए मांगनी पड़ी थी।
चाचा-भतीजे में जुबानी जंग
मुंबई में कांग्रेस और बीजेपी के बीच गर्मागर्मी दिखी तो बारामती में भी शरद पवार और अजित पवार के बीच जुबानी जंग चुनावी आतिशबाजी में बदल गई। शरद पवार ने अजित पवार का नाम लिए बगैर कहा कि उनसे जिसने भी पंगा लिया उसका राजनीतिक करियर खत्म हो गया। अजित पवार ने भी अपने चाचा को संतुलित भाषा में जवाब दिया। अजित पवार ने कहा कि उन्हें चाचा राजनीति में जरूर लेकर आए, लेकिन उन्होंने अपनी काबिलियत और मेहनत से जिम्मेदारी को निभाया, इसलिए बारामती के लोग उन्हें शरद पवार की तरह प्यार देते हैं।
कौन है असली शिवसेना?
प्रचार के आखिरी दिन शिवसेना ने महायुति पर जोरदार हमला करते हुए बीजेपी के 'बंटेंगे तो कटेंगे' के नारे पर कटाक्ष किया। उद्धव ठाकरे ने सीएम एकनाथ शिंदे को गद्दार कह दिया, तो सीएम शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर ही बाला साहब की विचारधारा छोड़ने का आरोप लगा दिया और कहा कि इसलिए उन्हें कार्यकर्ताओं ने छोड़ दिया। शिंदे ने कहा कि बाला साहब के विचार से मैंने नहीं उद्धव ने गद्दारी की है।
पार्टियों के वार पलटवार के बाद अब 20 नवंबर का इंतजार है जब महाराष्ट्र में लोग वोट डालेंगे और 23 नवंबर को पता चलेगा कि जनता किस पार्टी और गठबंधन के बातों से प्रभावित हुई।