बेंगलुरु. महालक्ष्मी हत्याकांड में रोजाना कुछ न कुछ खुलासे होते रहे हैं. इस मामले में मुख्य संदिग्ध मुक्ति रंजन रे की आत्महत्या के बाद कई और दावे सामने आ रहे हैं. बताया जा रहा है कि महालक्ष्मी के 20 नहीं बल्कि आरोपी ने 59 टुकड़े किए थे. महालक्ष्मी के मर्डर के बाद आरोपी ने शव को टुकड़ों-टुकड़ों में एक-एक कर दो महीने में ठिकाने लगाने की योजना बनाई थी.
मुख्य संदिग्ध आरोपी मुक्ति रंजन के भाई सत्या ने दावा किया है कि उसके भाई ने मर्डर के लाश को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया था. सत्या ने बताया कि मुक्ति और महालक्ष्मी (29), जो अपने पति से अलग हो गई थी. बेंगलुरु के एक मॉल में एक कपड़ों की दुकान में साथ काम करती थी. मुक्ति के भाई सत्या के अनुसार, दोनों एक रिश्ते में थे. महालक्ष्मी जोर देकर कहती थी कि उनका संबंध शादी में बदलना चाहिए. इसको लेकर मुक्ति और महालक्ष्मी के बीच मनमुटाव हो गया.
मुक्ति को मारती थी महालक्ष्मी
सत्या ने कहा कि मेरे भाई मुक्ति ने मुझे बताया कि उसने 3 सितंबर को हाथापाई के बाद उसने महालक्ष्मी की गला घोंटकर हत्या कर दी. हत्या के बाद उसने रातभर बैठकर महालक्ष्मी के शरीर के टुकड़े किए और टुकड़ों को रेफ्रिजरेटर में छिपा दिया. सत्या ने बताया कि उसका भाई मुक्ति जब शादी के लिए राजी नही होता था तो महालक्ष्मी उसके साथ झगड़ा करती थी और शारीरिक रूप से मारपीट भी करती थी.
महालक्ष्मी मांगती थी पैसे और गहने
सत्या ने बताया कि मुक्ति ने उसे बताया था कि वह महालक्ष्मी के अत्याचारों से थक गया था. इसलिए, मैंने उसे मार डाला. पुलिस ने मुक्ति की डायरी में मिले नोट का हवाला देते हुए कहा कि पुलिस को संदेह है कि मुक्ति ने गिरफ्तारी के डर से यह कदम उठाया. बेंगलुरु पुलिस पिछले कुछ दिनों से उसे पकड़ने के लिए ओडिशा में डेरा डाले हुए थी. सत्या के अनुसार, महालक्ष्मी अक्सर पैसे और आभूषण मांगती थी.
सत्या ने कहा कि वह उसे प्रताड़ित कर रही थी. हाल ही में, वे दोनों केरल गए थे, जहां उनका झगड़ा हुआ था, जिसके बाद उसने पुलिस को बताया कि मेरे भाई ने उसका अपहरण कर लिया है. मेरे भाई को पुलिस ने छोड़ने से पहले पीटा था. सत्या, जिसका बयान बेंगलुरु पुलिस ने दर्ज किया था उसने दावा किया कि मुक्ति ने अपराधबोध के कारण अपनी जान दे दी.
Tags: Bangalore news, Crime News
FIRST PUBLISHED :
September 27, 2024, 18:33 IST