मांझी जैसा प्रयास, दोस्त को फोन कॉल और 24 साल बाद मिले बिछुड़े भाई!

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Agency:News18 Himachal Pradesh

Last Updated:January 30, 2025, 12:07 IST

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में 24 साल बाद बिछड़े भाई सुरेंद्र मांझी और कपिल मांझी मिले. पत्रकार संजय कंवर के प्रयास से यह संभव हुआ. पुलिस ने सुरेंद्र को उनके भाई को सौंप दिया.

मांझी जैसा प्रयास, दोस्त को फोन कॉल और 24 साल बाद मिले बिछुड़े भाई!

हिमाचल प्रदेश में बिहार से लापता हुआ शख्स मिला है.

नाहन. 24 साल बिछड़े भाई अब जाकर मिले हैं. दोनों को मिलाने में एक पत्रकार ने अहम भूमिका निभाई. अब युवक को उसके भाई को सौंप दिया. मामला हिमाचल प्रदेश के  सिरमौर जिले का है. गुरुवार को पुलिस और प्रशासन सुरेंद्र मांझी को उनके भाई को सौंप दिया है. पत्रकार संजय कंवर के प्रयास से ही यह सब संभव हो पाया है.

जानकारी के अनुसार, सिरमौर जिले में 24 जनवरी को शिलाई विधानसभा क्षेत्र के कठवार पंचायत से पत्रकार संजय कंवर ने सुरेंद्र को रेस्क्यू किया था. इस दौरान पत्रकार सुरेंद्र को पांवटा साहिब ले आए. बातचीत के दौरान व्यक्ति ने अपना नाम सुरेन्द्र मांझी, पुत्र भोला मांझी, गांव परसोतीपुर, जिला मोतीहारी, बिहार बताया. इसके बाद संजय कंवर ने अपने मित्र रमाकांत से संपर्क किया, जिन्होंने मोतीहारी जिला के बीएलओ का मोबाइल नंबर दिया. फिर परसोतीपुर के बीएलओ मणीभूषण से संपर्क हुआ.

इस दौरान 24 जनवरी की शाम को सुरेन्द्र मांझी के बड़े भाई का फोन आया और उन्होंने कहा कि वह अपने भाई को लेने आएंगे. इस दौरान 27 जनवरी को वे गांव से पांवटा साहिब के लिए रवाना हुए और 29 जनवरी की सुबह पांवटा साहिब पहुंचे. इसके बाद पुलिस थाना पांवटा साहिब में सुरेन्द्र मांझी को उनके परिजनों के सुपुर्द किया गया.

सुरेन्द्र मांझी के बड़े भाई कपिल मांझी ने बताया कि सुरेन्द्र मांझी 12 साल की उम्र में मामा के घर गए थे और वहां से लापता हो गए थे. काफी खोजबीन के बाद भी उनका कोई पता नहीं चला. परिवार ने उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन 24 साल बाद एक फोन कॉल ने परिवार में खुशी लौटा दी. कपिल मांझी ने संजय कंवर, कठवार पंचायत के पूर्व प्रधान सोहन सिंह और अंशुल शर्मा का आभार व्यक्त किया.

पत्रकार संजय कंवर ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि गांव में एक शख्स घूम रहा है. उन्होंने उससे बातचीत की. वह काफी डरा हुआ था. इस दौरान उन्होंने शख्स को नहलाया और खाना खिलाया तो वह थोड़ा सहज हुआ. इससे पहले सुरेंद्र डरा हुआ था. उन्होंने बताया कि शख्स से पूछताछ में उसके गांव और परिजनों की जानकारी मिली. पता चला है कि सुरेंद्र के कुल पांच भाई बहन थे, जिनमें से तीन की मौत हो चुकी है और माता पिता भी नहीं है. हालांकि, अब भाई को सुरेंद्र को सौंप दिया गया है.

Location :

Nahan,Sirmaur,Himachal Pradesh

First Published :

January 30, 2025, 12:07 IST

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