मार्गशीर्ष महीने में सत्ता परिवर्तन का योग, सेहत पर पड़ेगा भारी

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परमजीत /देवघर: मार्गशीर्ष महीने की शुरुआत हो चुकी है. हर महीना दो पक्षों का होता है. एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष होता है. पूर्णिमा से लेकर अमावस्या तिथि तक कृष्ण पक्ष कहलाता है. वहीं अमावस्या तिथि के बाद प्रतिपदा से लेकर पूर्णिमा की तिथि शुक्ल पक्ष कहलाता है.

हर पक्ष 15 दिनों का होता है. किसी महीने में कृष्ण पक्ष या शुक्ल पक्ष की किसी भी तिथि अगर क्षय हो जाए तो आने वाले दिनों में नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. ऐसा संजोग बार-बार ही देखने को मिलता है. आईये देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते मार्गशिर्ष महीने की कौन सी तिथि क्षय हो रही है. इसका क्या प्रभाव पड़ने वाला है.

क्या कहते है देवघर के ज्योतिषाचार्य
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 से कहा कि यह मार्गशीर्ष महीना 16 नवंबर से शुरू हो चूका है. इसका समापन 15 दिसंबर पूर्णिमा के दिन होने वाला है. मार्गशीर्ष महीने को अगहन का महीना भी कहा जाता है.ऋषिकेश पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की अष्ट्मी तिथि क्षय है. यानी की मार्गमहीने के शुक्ल पक्ष 14 दिनों का रहने वाला है तो पक्ष मे जब तिथि की हानि होती है तो कष्टकारी होता है.

तिथि क्षय होने पर क्या प्रभाव पड़ता
ज्योतिषाचार्य बताते है कि 15 सालों के बाद मार्गशिर्ष महीने की शुक्ल पक्ष की अष्ट्मी तिथि क्षय हो रही है. जब तिथि क्षय होती है तो आने वाले दिनों में नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. यानी की मार्गशीर्ष महीने मे सत्ता परिवर्तन का योग बन रहा है.पक्ष विपक्ष मे संघर्ष हो सकता है.प्रजा को कष्ट पहुंच सकता है. लोग मौसमी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं अस्पताल के चक्कर काटने पड़ सकते हैं.

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FIRST PUBLISHED :

November 19, 2024, 13:40 IST

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