यह है भीलवाड़ा का सबसे बड़ा और प्राचीन गुरुद्वारा, जानें क्या है इसकी खासियत

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भीलवाड़ा का सबसे बड़ा और प्राचीन गुरुद्वारा, हर समाज, धर्म के लोग पहुंचते हैं अरदास लगाने, जाने क्या है खासियत

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भीलवाड़ा का सबसे बड़ा और प्राचीन गुरुद्वारा, हर समाज, धर्म के लोग पहुंचते हैं अरदास लगाने, जाने क्या है खासियत

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भीलवाड़ा

भीलवाड़ा का प्राचीन गुरुद्वारा

रवि पायक/ भीलवाड़ा: सिख धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहार में से एक सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानकदेव महाराज का 555वां जन्मोत्सव पावन प्रकाश पर्व के रूप  श्रद्धा व उत्साह के साथ भीलवाड़ा मनाया जा रहा हैं. सिख धर्म गुरु नानक देव का प्रकाश पर्व के अवसर पर भीलवाड़ा के 74 साल प्राचीन सिंधु नगर गुरुद्वारा साहिब में विशेष धार्मिक आयोजन किए जा रहे हैं. इसको लेकर जिले भर से हर समाज के लोग यहां पर अरदास लगाने के लिए पहुंच रहे हैं.

इसके साथ ही शहर के सबसे बड़े गुरुद्वारे में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इस विशेष दिन को लेकर गुरुद्वारे में लंगर का आयोजन किया गया जिसमें जिले भर से सिख समाज सहित विभिन्न धर्म के लोग लंगर के लिए पहुंच रहे हैं.

गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी अध्यक्ष इंद्रपाल सिंह सोनी ने कहा कि जगत गुरु श्री गुरु नानक देव जी का 555वां जन्मोत्सव पावन प्रकाश पर्व के रूप में बना रहे हैं. श्री गुरु नानक देव जी ने पूरी दुनिया को प्यार व आस्था का संदेश दिया था. सिंधु नगर में स्थित गुरुद्वारा की स्थापना 1950 में हुई थी. शहर के सिंधु नगर में स्थित गुरुद्वारे में गुरु नानक जयंती के लिए कुछ दिन पहले से ही तैयार शुरू कर दी थी और रोजाना प्रभात फेरिया निकली जा रही थी. इसके तहत जयंती के दिन कीर्तन और लंगर का भी आयोजन किया जा रहा है. जिसमें हजारों की संख्या में भक्त यहां पहुंचे हैं.

खास हैं भीलवाड़ा का यह गुरुद्वारा
गुरु गोविंद सिंह दक्षिण की यात्रा में भीलवाड़ा जिले के बागोर साहिब में आए थे. वह वहां पर 17 दिन रूके. गुरु गोविंद सिंह का जन्म पटना साहिब में हुआ था. साल 1699 में गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. यह सिखों के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण समय माना जाता है गुरु गोविंद सिंह ने ही गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का गुरु घोषित किया था. इसके लिए आज भी भीलवाड़ा के बागोर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का गुरुद्वारा है जहां पर पूरे देश से सिख धर्म के साथ ही सिख धर्म में आस्था रखने वाले हर धर्म के लोग पहुंचते हैं और अपनी अरदास लगाते हैं. मान्यता है कि यहां पर मन्नत मांगने वाले हर व्यक्ति की मनोकामना पूरी हो जाती है. इसके साथ भीलवाड़ा सिरकी की मोहल्ले गुरुद्वारे व बागोर गुरुद्वारे में विशेष आयोजन किए जा रहे हैं.

Tags: Bhilwara news, Local18, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED :

November 18, 2024, 07:28 IST

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