नागौर. ट्रेन एक्सीडेंट को रोकने के लिए सभी ट्रेनों में कवच प्रणाली लागू करने की प्रक्रिया जारी है. राजस्थान में कोटा से इसकी शुरुआत हो रही है. इसके लिए दस हजार किलोमीटर रेल रुट पर कवच लगाने की तैयारी की जा रही है. इसके अलावा शेष रेल रुट, लोकोमोटिव एवं आठ हजार स्टेशनों के लिए भी निविदा प्रक्रिया पूरी की जा रही है.
कवच प्रणाली के लिए निर्माण जारी
इसमें कलर लाइट सिग्नल प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, पैनल इंटरलॉकिंग, ऑटोमेटिक ब्लाक सिगनल प्रणाली जैसे अपग्रेडेशन के बाद अब अत्याधुनिक स्वदेशी प्रणाली से निर्मित कवच प्रणाली पर कार्य किया जा रहा है. फरवरी 2012 में, काकोडकर समिति ने डिजिटल सिग्नलिंग रेडियो आधारित प्रणाली स्थापित करने की अनुशंसा की और भारतीय रेलवे पर इस पर कम शुरू कर दिया गया है.
टीसीएस के रूप में किया गया विकसित
इस प्रणाली को अपग्रेड कर टीसीएस के रूप में विकसित किया गया है. टीसीएएस को अब ‘कवच’ के रूप में विकसित किया जा रहा है. इस प्रणाली को वर्ष 2014-15 में दक्षिण मध्य रेलवे पर 250 किलोमीटर रेल मार्ग में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में स्थापित किया गया तथा 2015-16 में यात्री ट्रेनों पर पहला फील्ड परीक्षण किया गया. वहीं वर्ष 2017-18 में कवच के स्पेशल वर्ज़न 3.2 को अंतिम रूप प्रदान किया गया तथा 2018-19 में प्रमाणीकरण के आधार पर आरडीएसओ द्वारा तीन विक्रेताओं को मंजूरी दी गई है. कवच पर अपग्रेडेशन के कार्य को जुलाई 2020 ‘कवच’ को राष्ट्रीय एटीपी प्रणाली घोषित किया गया.
कवच 4.0 को भी मिल चुकी मंजूरी
मार्च 2022 तक कवच प्रणाली का विस्तार करते हुए 1200 किलोमीटर पर स्थापित किया किया तथा कवच वर्जन 4.0 के विकास के लिए कदम उठाया गया और 16 जलाई 2024 को आरडीएसओ द्वारा कवच 4.0 विनिर्देश को मंजूरी दी गई. स्वदेशी तकनीक से निर्मित कवच प्रणाली 10 वर्ष की अल्प अवधि में विकसित की गई है. इसके अलावा इसी वर्ष सितंबर 2024 में कोटा और सवाई माधोपुर के बीच 108 किलोमीटर रेलखण्ड में कवच 4.0 स्थापित कर और चालू किया गया था और अहमदाबाद-वडोदरा खंड के 84 किलोमीटर में परीक्षण शुरू किया गया है.
लोको कवच और साइड ट्रैक के लिए नवंबर में टेंडर
कवच प्रणाली को स्थापित करने के लिए वर्ष 2030 तक के लिए कार्य योजना बनाई गई है. इसका मोटिव सभी इकाइयों को कवर करना है ताकि यात्रियों को सुरक्षित कर सके. वर्तमान में लोको कवच और ट्रैक साइड कार्य प्रगति पर है तथा लोको कवच के लिए टेंडर कार्य प्रगति पर है. दिल्ली-चेन्नई और मुंबई-चेन्नई खंड व स्वचालित ब्लॉक खंड के कुल 9090 किलोमीटर व 5645 किलोमीटर अन्य खंडों के ट्रैक साइड कार्य के लिए टेंडर आमंत्रित की गई है जो कि नवम्बर माह में खुलेगी.
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FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 19:56 IST