हाइलाइट्स
रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में आरजेडी के अजीत सिंह की करारी हार. लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को यादव मतदाताओं ने दिया झटका.
भभुआ. कैमूर के रामगढ़ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में आरजेडी के अजीत सिंह एनडीए के कैंडिडेट्स अशोक सिंह से लगभग 27, 000 मतों से पीछे रह गए. उपचुनाव में किसी कैंडिडेट के बीच इतना बड़ा अंतर यह दिखाता है कि यहां इतना बड़ा खेल हुआ है जिसे शायद लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव पढ़ ही नहीं पाए. दरअसल, यहां बहुजन समाजवादी पार्टी ने पिंटू यादव को अपना उम्मीदवार बनाया था. पिंटू यादव दूसरे स्थान पर रहे और ये एनडीए के अशोक सिंह से महज 1362 मतों से पीछे रह गए. बीएसपी के पिंटू यादव की हार तो हुई ही, मगर यहां वह बड़ा खेल भी कर गए.
स्थानीय जानकार बताते हैं कि सतीश कुमार यादव उर्फ पिंटू यादव ने आरजेडी के परंपरागत यादव मतों में बहुत बड़ी सेंधमारी कर दी जिससे राजद उम्मीदवार लड़ाई के मैदान में टिक ही नहीं पाए. पिंटू यादव के नाम (जाति) नाम पर यादवों के वोटों की बीएसपी की ओर होने के रिएक्शन ने माय (मुस्लिम-यादव) समीकरण में बिखराव किया जिससे राजद प्रत्याशी अजीत सिंह के पैरों तले की जमीन निकल गई. बीजेपी के अशोक सिंह ने बीएसपी के पिंटू यादव से महज 1362 वोटो से चुनाव जीता है, लेकिन राजद के कैंडिडेट से उनका जितना बड़ा अंतर है वह हैरान करने वाला है. स्थानीय जानकार कहते हैं कि यादव मतों में बिखराव ने अजीत सिंह का खेल खराब कर दिया और अशोक सिंह को अप्रत्याशित जीत दिला दी.
रामगढ़ का जातिगत समीकरण
सबसे पहले रामगढ़ के जातीय समीकरण को देखें तो राजपूत 55 हजार, यादव 25 हजार, ब्राह्मण 20 हजार, अनुसूचित जाति 40 हजार, कुशवाहा 12 हजार, भूमिहार 10 हजार, ओबीसी 40 हजार मुस्लिम 25 हजार हैं. करीब 2 लाख 90 हजार मतदाताओं में राजपूत (जिस जाति से आरजेडी के अजीत सिंह हैं) यादव और मुस्लिम और थोड़े बहुत दलित मतदाताओं के गठजोड़ से ही आरजेडी की जीत आसान हो जाती. लेकिन यादव मतों के आरजेडी छोड़ पिंटू यादव की ओर शिफ्ट होने से यहां राजद का खेल खराब हो गया.
यादवों के रिएक्शन में बिखर गए राजपूत!
दरअसल, अजीत सिंह राजपूत जाति से आते हैं लेकिन न तो उन्हें राजपूतों ने वोट दिया और न ही यादवों ने. यादवों के वोट पिंटू यादव की ओर शिफ्ट हो गए तो राजपूतों के वोट अशोक सिंह (एनडीए) की ओर चले गए. यानी यहां यादवों का वोट और बिल्कुल बंट गया. अजीत सिंह के पाले में मुसलमानों के वोट गिरि और कुछ दलित समाज के वोट ही आ पाए. कुछ कुछ पंचायतों में राजपूतों ने भी उन्हें वोट किया, लेकिन उसकी संख्या न के बराबर रही. निश्चित तौर पर यह जगदानंद सिंह की साख के लिए बुरी खबर है.
लालू-तेजस्वी के विश्वास को लगा धक्का
वहीं, तेजस्वी यादव और लालू यादव के इस यकीन को भी धक्का लगा है कि वह जिधर कहेंगे यादव और मुसलमान वोट उधर ही करेंगे. यह भी एक बड़ा सबक राजद के लिए लेकर आया है. वहीं, अशोक सिंह की बात करें तो जो राजपूतों के वोट अजीत सिंह को मिलने थे, वह यादवों का वोट पिंटू यादव की ओर जाति के आधार पर शिफ्ट होने के कारण प्रतिक्रिया में एनडीए की ओर चले गये. वहीं, अन्य ब्राह्मणों, भूमिहारों और ओबीसी समुदाय के गठजोड़ ने अशोक सिंह की राह आसान कर दी बावजूद इसके कि अनुसूचित जाति के वोट बीएसपी कैंडिडेट को पड़े.
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FIRST PUBLISHED :
November 23, 2024, 16:01 IST