यूपी बोर्ड परीक्षा 2025 केंद्र आवंटन.
सोनभद्र: यूपी के सोनभद्र जनपद में यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण में मानक तार-तार हो गए हैं. न तो अधिकतम दूरी के निर्देशों का पालन हुआ और न ही विद्यालय की भौतिक स्थिति का ध्यान रखा गया. जिले में 75 किमी दूर केंद्र बनाए गए हैं, जबकि मानक अधिकतम 20 किमी की दूरी का है. कई ऐसे विद्यालयों पर केंद्र आवंटित हैं, जहां परीक्षा कराने के लिए शिक्षक और डेस्क-बेंच भी नहीं है.
फरवरी में है परीक्षा
जिस विद्यालय की अधिकतम क्षमता 400 की है, वहां 700 से अधिक परीक्षार्थियों का आवंटन हुआ है. केंद्र निर्धारण की सूची देख विद्यालय संचालक सकते में हैं, उन्होंने इस पर आपत्ति दर्ज कराई है. बोर्ड परीक्षा फरवरी में प्रस्तावित है. तमाम जद्दोजहद के बाद 76 केंद्रों की प्रस्तावित सूची जारी की गई है. जिले की भौगोलिक स्थिति से अनजान अफसरों ने बंद कमरों में बैठकर ऐसे विद्यालयों को केंद्र बना दिया है, जहां तक पहुंचना परीक्षार्थियों के लिए मुश्किल है.
आवागमन के साधन भी नहीं हैं
कई विद्यालयों के विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए 70-75 किमी दूर भेजा गया है. वह भी ऐसे क्षेत्र हैं, जहां आवागमन के साधन सीमित हैं. सुदूर इलाकों में परीक्षार्थी रुककर भी परीक्षा देना चाहें तो उनके लिए जरूरी सुविधाएं नहीं हैं. अगर वे रोज घर से जाकर परीक्षा देना चाहें तो उन्हें पांच-छह घंटे पहले निकलना होगा. इसके बाद भी यह तय नहीं कि वे समय पर परीक्षा में पहुंच पाएंगे. केंद्रों की सूची में अनियमितता के चलते ही कुल 76 केंद्रों पर 30 से अधिक आपत्तियां आ चुकी हैं. अब जिला स्तरीय समिति को इसका परीक्षण कर निस्तारण करना है.
75 किमी है दूरी
राजकीय इंटर कॉलेज दुद्धी में नामांकित हाईस्कूल के विद्यार्थियों का परीक्षा केंद्र सरस्वती विद्या मंदिर खड़िया (शक्तिनगर) भेजा गया है. दोनों विद्यालयों के बीच की दूरी करीब 75 किमी है. केंद्र तक पहुंचने के लिए परीक्षार्थियों को पहले रेणुकूट आना होगा. वहां से पिपरी, अनपरा होते हुए शक्तिनगर जाना होगा. इस मार्ग पर अक्सर जाम लगता है. शिव प्रकाश सिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नगांव का केंद्र 65 किमी दूर मुड़िलाडीह में बनाया गया है.
आवागमन के सीमित साधन
राजकीय हाईस्कूल मरकुड़ी व चेरुई के विद्यार्थियों का परीक्षा केंद्र 55 किमी दूर चंद्रगुप्त मौर्य इंटर कॉलेज मधुपुर में बनाया गया है, जबकि इसके आसपास गुरमा व चोपन के कई विद्यालय केंद्र बने हैं. हर साल केंद्र बनते आ रहे नवज्योति इंटर कॉलेज को केंद्र की सूची से बाहर कर दिया गया है. इसी तरह राजकीय हाईस्कूल जुगैल का केंद्र पड़रक्ष में बनाया गया है. यहां आवागमन के साधन सीमित हैं और सड़क भी बदहाल है. राजकीय हाईस्कूल चिचलिक का केंद्र 45 किमी दूर है.
यहां केवल एक शिक्षक
राजकीय बालिका हाईस्कूल चांगा में सिर्फ एक शिक्षक हैं, वे खुद प्रधानाध्यापक का भी चार्ज संभाल रहे हैं. यहां न तो पर्याप्त डेस्क-बेंच हैं और न ही अन्य सुविधाएं. इसी तरह राजकीय हाईस्कूल चतरा में भी बाउंड्री वॉल नहीं है. प्रश्न पत्र रखने के लिए स्ट्रॉन्ग रूम, सीसीटीवी कैमरा आदि का अभाव है.
क्षमता से ज्यादा बच्चे
राजकीय इंटर कॉलेज शक्तिनगर में अधिकतम 400 बच्चों को बैठाने की क्षमता है. यहां 729 परीक्षार्थियों का केंद्र बना दिया गया है. करीब 350 की क्षमता वाले जीआईसी सिरसिया में भी 717 बच्चों को केंद्र आवंटित किया गया है. जीआईसी चपकी में 300 विद्यार्थियों की बैठक व्यवस्था है, लेकिन इसमें भी 4 कमरे जर्जर हैं. बावजूद इसके यहां 400 परीक्षार्थियों का केंद्र बनाया गया है.
यहां सभी सुविधाएं, फिर भी केंद्र नहीं बनाए
पं. विद्याधर इंटर कॉलेज कबरी, डॉ. भीमराव अंबेडकर बहुद्देश्यीय माध्यमिक विद्यालय छतरपुर, गुरुकुल विद्या मंदिर इंटर कॉलेज सेवका मोड़, नव ज्योति इंटर कॉलेज गुरमा सहित कई ऐसे विद्यालय केंद्र नहीं बनाए गए हैं, जो पहले केंद्र बनते रहे हैं. इन विद्यालयों में सभी सुविधाएं मौजूद हैं.
क्या कहना है डीआईओएस का
इस बारे में डीआईओएस जयराम सिंह का कहना है कि परीक्षा केंद्रों का निर्धारण बोर्ड स्तर से हुआ है. प्रस्तावित सूची पर आपत्तियां ली जा रही हैं. सभी आपत्तियों को जिला स्तरीय समिति के समक्ष रखा जाएगा. समुचित निस्तारण के बाद सूची बोर्ड को प्रेषित की जाएगी. इसके बाद 7 दिसंबर तक अंतिम सूची जारी होगी.
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FIRST PUBLISHED :
November 23, 2024, 09:57 IST