ये बिल्डिंग थी कभी नाविकों के ठहरने की जगह, कैसे बनी महाराष्ट्र विधानसभा  

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Maharashtra Vidhan Bhavan: महाराष्ट्र की 15वीं विधानसभा के लिए बुधवार यानी 20 नवंबर को वोट डाले गए थे. आज राज्य के 288 विधायक चुनने के लिए मतगणना चल रही है. उम्मीद है कि देर शाम तक सभी सीटों के नतीजे आ जाएंगे. महाराष्ट्र विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 145 सीटों की जरूरत होती है. इस बार का मुकाबला महायुति (बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टियां) और महाविकास अघाड़ी (कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियां) के बीच है. महाराष्ट्र की 288 विधान सभा सीटों में से 29 अनुसूचित जाति और 25 अनुसूचित जन जाति के लिए रिजर्व हैं.  

नई सरकार के गठन से पहले महाराष्ट्र विधानसभा भवन के बारे में जान लेते हैं. महाराष्ट्र विधानसभा की पुरानी बिल्डिंग लगभग एक सदी पुरानी थी, जो यहां के लोकतांत्रिक इतिहास की गवाह रही है. महाराष्ट्र राज्य विधानमंडल का मौजूदा भवन इसके दो सदनों को अपने में समेटे हुए है. नरीमन पॉइंट पर स्थित मधुमक्खी के छत्ते जैसी इस ऊंची इमारत को विधान भवन के नाम से जाना जाता है. इस विधान भवन ने इसी साल अपने 43 साल पूरे कर लिए हैं. इस इमारत का उद्घाटन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 19 अप्रैल 1981 को किया था. नरीमन पॉइंट मुंबई के सबसे पॉश एरिया में शुमार किया जाता है.

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1862 में बनी थी विधान परिषद
महाराष्ट्र विधानसभा की नींव एक तरह से कहा जाए तो 18वीं शताब्दी में ही पड़ गई थी. तब इसे बॉम्बे प्रांत कहा जाता था और इसके विधान परिषद की पहली बैठक 22 जनवरी 1862 को हुई थी. उस समय विधान परिषद में केवल दस सदस्य हुआ करते थे. इस विधान परिषद के लिए एक इमारत की तलाश की गई जो सेलर्स हाउस पर जाकर खत्म हुई. 1876 में इसे परिषद हॉल का नाम दिया गया. इस इमारत का इस्तेमाल पहले नाविकों के ठहरने (सेलर्स हाउस के रूप में) के लिए किया जाता था. 

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1928 में बना विधान सभा भवन
डीएनए की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 1928 में परिषद हॉल का अधिग्रहण सरकार द्वारा किया गया और इसे विधान भवन में तब्दील कर दिया गया. लेकिन देश आजाद होने के बाद जब महाराष्ट्र का गठन हुआ तो यहां स्थान की कमी पड़ने लगी. क्योंकि उस समय तक विधान सभा और विधान परिषद की सदस्य संख्या बढ़ गई थी. इसी वजह से 27 मई 1974 को नए विधान भवन का निर्माण शुरू किया गया. नई इमारत के गोल गुंबद में द्विसदनीय विधानमंडल के दोनों सदनों को समेटा गया है. 288 सदस्यीय विधान सभा में कुल 304 सदस्यों की बैठने की क्षमता है. जबकि 78 सदस्यीय विधान परिषद में कुल 130 सदस्यों की बैठने की क्षमता है. केंद्रीय हॉल, जहां दोनों सदनों की संयुक्त बैठकें होती हैं, में कुल 400 सदस्यों की बैठने की जगह है. गोल गुंबद के पीछे 21 मंजिला मधुमक्खी के छत्ते जैसी इमारत है.

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क्या रहा था 2019 में रिजल्ट
2019 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुआई वाले एनडीए को 161 सीटों पर जीत मिली थी. जबकि यूपीए का आंकड़ा 98 सीटों पर सिमट गया था. उस चुनाव में बीजेपी और शिवसेना मिलकर लड़े थे, जबकि कांग्रेस और एनसीपी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. 16 सीटें छोटे दलों को मिली थीं. 13 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी.

2 शहरों में होता है विधानसभा सत्र
महाराष्ट्र देश के उन चुनिंदा राज्यों में से एक है, जहां दो शहरों को राजधानी का दर्जा मिला हुआ है. महाराष्ट्र विधान सभा का बजट सत्र और मानसून सत्र मुंबई में आयोजित किया जाता है. जबकि विधान सभा का शीतकालीन सत्र उसकी दूसरी राजधानी नागपुर में आयोजित किया जाता है. केवल एक बार मानसून सत्र नागपुर में और शीतकालीन सत्र मुंबई में आयोजित किया गया था. इसकी वजह यह थी कि 1975 में चुनाव सर्दियों में हुए थे. 

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इन दिग्गजों ने बढ़ाई सदन की शोभा
महाराष्ट्र विधान सभा ने देश को यशवंतराव चव्हाण, वसंतराव नाईक, एस एम जोशी, वसंतदादा पाटिल, बालासाहेब देसाई, मनोहर जोशी, विलासराव देशमुख, बालासाहेब भारदे, अहिल्याबाई रांगणेकर, मृणाल ताई गोरे, गणपत राव देशमुख और शरद पवार जैसे शीर्ष नेता दिए हैं. देश की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने भी अपने संसदीय जीवन की शुरुआत इसी सदन से की थी.

Tags: Maharashtra Elections, Maharashtra News, Mumbai News

FIRST PUBLISHED :

November 23, 2024, 11:11 IST

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