नई दिल्ली. देश में हर रोज आपके अगल-बगल कुछ ऐसी घटनाएं घटती हैं, जिससे आप चाहकर भी मुंह मोड़ नहीं सकते. आपके मन में भी डर बैठ जाता है कि कहीं ये घटना मेरे साथ न हो जाए. फिर, आपको विश्वास होता है और आप सोचने लगते हैं कि अगर मेरे साथ होगा तो मैं संभल जाऊंगा और मैं उसको जवाब दूंगा. लेकिन, इसके बावजूद भी आप भी फंस जाते हैं और आपकी सारी बुद्धि-विवेक धरी की धरी रह जाती है. क्योंकि, आपके साथ जो घटना घटती है उसका तरीका बदल जाता है.
जी हां, मैं आपको आज एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहा हूं, जिसको सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. आप सोचने लगेंगे कि दूसरों को शिक्षा देना वाला डीयू जैसे संस्थान के प्रोफसर के साथ यह घटना कैसे घट गई? गांव-देहात को छोड़ दीजिए पढ़े-लिखे लोग भी अब ऐसा काम कर देते हैं, जिससे हैरानी होती है.. जबकि, हर रोज अखबारों और सोशल मीडिया के माध्यम से बताया जाता है कि आप साइबर फ्रॉड से सावधान रहें और सतर्क रहें.
साइबर ठगों ने डीयू प्रोफेसर के साथ कर दिया बड़ा कांड
दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर के साथ साइबर ठगों ने बड़ा खेल कर दिया. दिल्ली के मौरिस नगर इलाके में डीयू के एक प्रोफेसर ने साइबर ठगी का मामला दर्ज कराया है, जो हैरान करने वाला है. दरअसल, शेयर ट्रेडिंग में लाभ का झांसा देकर साइबर ठगों ने प्रोफेसर साहब के बैंक अकाउंट से 55.50 लाख रुपये की ठग लिया. अब दिल्ली पुलिस की साइबर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज होने के बाद जांच शुरू हुई है.
1 लाख के चक्कर में 55 लाख गंवा दिए
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, प्रोफेसर साहब के मोबाइ पर 18 सितंबर की रात को एक नंबर से व्हाट्सऐप ग्रुप में शामिल होने के लिए लिंक आता है. प्रोफेसर साहब बिना जांच-पड़ताल किए इस लिंक के जरिए ग्रुप में शामिल हो जाते हैं. ग्रुप में शामिल होने के बाद इस ग्रुप में शेयर ट्रेडिंग के जरिए बड़े आकर्षक ऑफर आने लगे. प्रोफेसर साहब भी लालच में फंसकर 50, 000 रुपये लगा देते हैं. प्रोफेसर साहब को 1 लाख का मुनाफा का मैसेज आ जाता है.
लेकिन, प्रोफेसर साहब जो 50 हजार रुपये निवेश किया था, वह पैसे अपने खाते में ट्रांसफर नहीं हुआ था. लाभ कमाया हुआ पैसा निकल नहीं रहा था. इस पर ग्रुप में पहले से मौजूद साइबर ठगों ने उन्हें निश्चित राशि और निवेश करने का झांसा दिया. प्रोफेसर साहब ने 50 हजार रुपये निकालने के फेर में बैंक में जमा 55.50 लाख रुपये ठगों के बताए हुए बैंक खातों में जमा कर दिए. जब पीड़ित ने रुपये वापस करने की बात की तो ठगों ने उन्हें उस व्हाट्सऐप ग्रुप से निकाल दिया. अब, प्रोफेसर साहब को बाद में पता चला कि उनके साथ कांड हो चुका है.
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FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 13:57 IST