रात भर ओस के नीचे रखकर तैयार की जाती है ये खास स्वीट डिश

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मशहूर

मशहूर केसरिया मलाई मक्खन बहराइच में!

बहराइच: मक्खन तो आपने बहुत खाया होगा लेकिन क्या कभी केसरिया मलाई मक्खन खाया है? कानपुर, लखनऊ का मशहूर केसरिया मलाई मक्खन अब बहराइच में जमकर धूम मचा रहा है. इसको खास तरीके से बनाया जाता है. जिसमें मलाई और क्रीम को खुले आसमान के नीचे रातभर रखा जाता है और सुबह लकड़ी की मथानिया से मथा जाता है. तब जाकर दो, ढाई घंटे की कड़ी मेहनत के बाद यह मक्खन तैयार होता है.

इसका स्वाद बहुत ही लाजवाब होता है और ये बहुत ही हल्का होता है. ये केवल सर्दियों में मिलता है और रातभर पड़ने वाली ओस इसके लिए बहुत जरूरी है.  ये मलाई के ऊपर का झाग होता है जिसमें ड्रायफ्रूट्स डालकर सर्व किया जाता है. स्वाद के अनुसार इसमें मीठा यानी शक्कर ऐड की जाती है.

कितनी होती है कीमत
कीमत की बात करें तो ये शहर और दुकान के हिसाब से अलग हो सकता है पर मोटे तौर पर इसकी कीमत  ₹700 प्रति किलोग्राम तक होती है. अगर आप लखनऊ के मशहूर केसरिया मलाई मक्खन का स्वाद लेना चाहते हैं तो आपको बहराइच शहर के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के सामने बालाजी स्वीट हाउस पर आना पड़ेगा. यहां आपको केसरिया मलाई मक्खन बड़े आराम से मिल जाएगा.

कुछ इस तरह होता है केसरिया मलाई मक्खन तैयार
केसरिया मलाई मक्खन तैयार करने के लिए मलाई और दूध का को उबालकर रात को खुले आसमान के नीचे रख दिया जाता है. और फिर सुबह लगभग चार, पांच बजे इस मक्खन को दो, ढाई घंटे तक लकड़ी की मथानिया से मथा जाता है. जब तक यह मक्खन का रूप न ले ले. जब यह मक्खन का रूप ले लेता है, तब मक्खन को अलग बर्तन में रखकर इसमें ड्राई फ्रूट, केसर, चांदी वर्क लगाकर बिक्री की जाती है.

इसकी कीमत ₹700 प्रति किलोग्राम तक होती है. अगर वही बात करें इसकी मिठास की तो इसमें चीनी की मात्रा बहुत ही काम डाली जाती है क्योंकि दूध की मिठास और थोड़ी सी चीनी की मिठास दोनों मिलकर मिठास की मात्रा सामान्य हो जाती है. अलग जगहों पर दाम में बदलाव हो सकता है.

विशेष प्रकार के शीशे की जाली से किया जाता है बंद
वैसे तो आमतौर पर आपको मलाई मक्खन यूपी के अलग-अलग जिलों में लोग बाल्टी, स्टील के बर्तन वगैरह में बेचते हुए नजर आ जाएंगे लेकिन जब बात आती है मशहूर और खास मक्खन की तो यह आपको अलग स्टाइल में मिलेगा. बहराइच में बालाजी स्वीट्स पर आपको मक्खन विशेष प्रकार की जाली से ढका हुआ दिखाई देगा.

ये जाली शीशे और लोहे से बनी होती है. इसमें एक छोटा सी खुलने वाली जगह बनी होती है, जिसको खोलकर मक्खन को निकालकर दिया जाता है जबकि बाकी चारों ओर से ये शीशे से ढका होता है. इसका फायदा यह होता है कि इसमें धूल मिट्टी नहीं जा पाती है. इस वजह से मक्खन सुरक्षित रहता है और लंबे समय तक टिक भी जाता है साथ ही देखने में भी सुंदर और आकर्षक लगता है.

Tags: Bahraich news, Food 18, Local18, News18 uttar pradesh

FIRST PUBLISHED :

November 29, 2024, 09:46 IST

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