हरियाणाः भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां तरह तरह की खेती की जाती है. भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का अहम योगदान है. खरीफ की फसल तैयार हो चुकी है और कटने के लिए तैयार है. इसके बाद रवि की फसल के लिए किसान अपने-अपने खेतों को तैयार कर रहे हैं. ऐसे में फतेहाबाद के किसान परंपरागत खेती के साथ-साथ प्रोग्रेसिव खेती करने लगे हैं. इससे किसान प्रति एकड़ 8-10 लाख रुपए प्रति एकड़ की फसल उठाकर मालामाल हो रहे हैं.
फतेहाबाद के गांव कुकड़ावाली में एक किसान है राजकुमार जो गेहूं, धान और सरसों जैसी परंपरागत खेती के साथ-साथ लहसुन की खेती कर रहे है. किसान राजकुमार ने बताया कि परंपरागत खेती से जहां उनको प्रति एकड़ 50-60 हजार रुपए आमदनी होती थी, वहीं अब लहसुन की खेती से 8-10 लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से कमाई हो रही है.
करीब 30 एकड़ जमीन में लहसुन की खेती
राजकुमार ने बताया कि वे दो भाई हैं और उनके पास करीब 30 एकड़ जमीन है. जिसमें उन्होंने लहसुन की खेती की हुई है. उन्होनें बताया कि लहसुन की खेती थोड़ी महंगी और अधिक मेहनत वाली है, मगर इसमें मुनाफा भी उतना ही अधिक है. उन्होंने बताया कि वे लहसुन की खेती करीब 20-22 वर्षों से करते आ रहे हैं. राजकुमान के अनुसार पिछले 3-4 वर्षों से लहसुन के जो दाम बाजार में मिल रहे हैं. उससे उन्हें अच्छा खासा मुनाफा हुआ है. उन्होंने बताया कि एक एकड़ में फसल की बुआई, रख रखाव और तुड़वाई पर करीब 1 से डेढ़ लाख रुपए का खर्च आता है जबकि करीब 10 लाख रुपए तक की फसल वे प्रति एकड़ उठा लेते हैं. अगर खर्चा निकाल लिया जाए तो उन्हें 7-8 लाख रुपए प्रति एकड़ की बचत होती है.
इन राज्यों तक होता है लहसुन सप्लाई
लहसुन को स्टोर करने, साफ-सफाई और पैकिंग का सारा काम वे अपने खेत में बने गोदाम पर करते हैं. उन्होंने बताया कि लहसुन की डिमांड करीब-करीब पूरे देश में है, लेकिन उनके यहां से लहसुन गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में जाता है. राजकुमार ने कहा कि किसान अगर लहसुन की खेती करता है तो अपने जीवन स्तर को ऊंचा उठा सकता है, इसमें जितना जोखिम है उतना ही लाभ भी है.
Tags: Agriculture, Fatehabad news, Local18
FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 16:47 IST