लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने से पहले जान लें ये नियम, पकड़े जानें....

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कोडरमा. पश्चिमी देशों में प्रचलित लिव इन रिलेशनशिप देश के महानगरों के साथ आदिवासी इलाकों में भी तेजी से बढ़ रही है. आमतौर पर लिव इन रिलेशनशिप में बालिक युवक और युवती एक घर में पति-पत्नी की तरह अपना जीवन यापन करते हैं. बीते कुछ दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब कुछ वर्षों तक लिव इन रिलेशनशिप में रहने के बाद युवक या युवती दोनों में से किसी एक की हत्या कर उनके शरीर के अंग को कई टुकड़ों में काटकर जंगल और झाड़ियां में फेक दिया गया है. झांरखंड के खूंटी जिले से एक दिन पहले एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. यहां कसाई का काम करने वाले एक 25 वर्षीय युवक ने अपनी 25 वर्षीय ‘लिव-इन पार्टनर’ की हत्या कर के उसके शव को 40 से 50 टुकड़ों में काट कर फेंक दिया था. मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

लिव इन रिलेशनशिप से जन्म लेने वाले बच्चों का अधिकार
लिव इन रिलेशनशिप को लेकर भारतीय कानून में क्या प्रावधान है. इस पर कोडरमा जिला विधिक सेवा प्राधिकार के डिफेंस काउंसिल अधिवक्ता अरुण कुमार ओझा ने Local 18 से विशेष बातचीत के दौरान कानूनी पहलुओं की पूरी जानकारी साझा की है. उन्होंने बताया कि बालिक युवक और युवती आपसी सहमति से पति-पत्नी के रूप में रह सकते हैं. हालांकि भारत में इसको लेकर फिलहाल कोई कानून नहीं है. इस दौरान यदि दोनों की कोई संतान होती है, तो बच्चे को माता और पिता की संपत्ति पर बराबर का अधिकार होगा. उन्होंने बताया कि विवाहित महिला या विवाहित पुरुष किसी अन्य के साथ लिव इन रिलेशनशिप में नहीं रह सकते हैं. कानून में इसे अपराध की श्रेणी में रखा गया है. यदि कोई पति-पत्नी एक दूसरे से अलग हो गए हैं और दोनों किसी अन्य महिला या पुरुष के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहना चाहते हैं, तो सबसे पहले पति-पत्नी को कानून के अनुसार तलाक लेना होगा.

नाबालिक के साथ लिव इन रिलेशनशिप गंभीर अपराध
उन्होंने बताया कि न्यायालय में ऐसे कई मामले सामने आते हैं, जब कुछ समय तक आपसी सहमति से युवक और युवती पति-पत्नी के रूप में लिव इन रिलेशनशिप में रहते हैं और कोई विवाद उत्पन्न होने पर दोनों एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाते हैं. ऐसे परिस्थिति से बचने के लिए लिव इन रिलेशनशिप में रहने से पहले दोनों आपसी सहमति के आधार पर लीगल एग्रीमेंट तैयार कर सकते हैं. ताकि भविष्य में दोनों में कोई भी एक दूसरे को बंधक बनाकर रखने, जोर जबरदस्ती करने या अन्य किसी तरह की मनगढ़ंत आरोप नहीं लगा सकते हैं. उन्होंने बताया कि नाबालिक लड़का और लड़की यदि लिव इन रिलेशनशिप में रहते हैं और उनके बीच शारीरिक संबंध बनता है. ऐसी स्थिति में न्यायालय के संज्ञान में मामला आने पर पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि जागरूकता के अभाव में और शिक्षा की कमी के वजह से लड़कियां लिव इन रिलेशनशिप में चली जाती हैं. भारतीय समाज भी इस रिश्ते को सही नहीं मानता है.

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FIRST PUBLISHED :

November 29, 2024, 11:09 IST

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