हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद भी नेतन्याहू का गुस्सा थमा नहीं है. इजरायल ताबड़तोड़ हमले कर रहा है. एक के बाद एक ठिकाने को तबाह कर रहा है. लेकिन अगर आप सोच रहे हैं कि नेतन्याहू का इरादा सिर्फ हिजबुल्लाह और हमास को तबाह करना है, तो शायद आप गलत हैं. नेतन्याहू का सपना ‘ग्रेटर इजरायल’ का है. इसमें सिर्फ गाजा ही नहीं, कई देश आएंगे. इजरायल के प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से इसकी एक झलक दिखाई, तो दुनिया में हंगामा मच गया. आखिर ये ग्रेटर इजरायल है क्या?
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में भाषण के दौरान दो मैप दिखाया. इसके बाद बवाल मच गया. क्योंकि इस मैप में फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक और गाजा को इजरायल का हिस्सा दिखाया गया. जर्मनी में फिलिस्तीनी अथॉरिटी के रिप्रजेंटेटिव लैथ अराफे ने एक्स पर लिखा, नेतन्याहू ने यूएन में इस तरह का झूठा मैप दिखाकर पूरी दुनिया को गुमराह किया है. यह यूएन के मूलभूत सिद्धांतों का अपमान है. इसमें दिखाया गया है कि कैसे इजरायल नदी से समुद्र तक फैला हुआ है. उन्होंने लिखा, ‘इस मैप के साथ ही नेतन्याहू ने फिलिस्तीन और उसके लोगों को नकार दिया है. यह पूरे फिलिस्तीन का एक और कुत्सित प्रयास है.’ कई और लोगों ने नेतन्याहू के मैप को बकवास बताया.
No greater insult to each foundational rule of the United Nations than seeing Netanyahu show earlier the UNGA a “map of Israel” that straddles the full onshore from the stream to the sea, negating Palestine and its people, past attempting to rotation the assemblage with rhetoric… pic.twitter.com/nJUGgaNpDD
— Laith Arafeh (@ArafehLaith) September 22, 2023
आखिर पूरा मामला है क्या?
नेतन्याहू ने अपने भाषण के दौरान यूएन में दो नक्शे दिखाए. पहला नक्शा 1948 की स्थिति को दर्शाता है. इसमें आप देख सकते हैं कि कैसे इजरायल पूरे मिडिल ईस्ट में अकेला खड़ा है, उसका कोई सहयोगी नहीं है. सिर्फ इजरायल को हरे रंग में दिखाया गया है. दूसरा मैप 2023 की स्थिति बयां करता है. इसमें इजरायल और सऊदी अरब सहित सात देश हरे रंग में थे. इसका मकसद यह दिखाना है कि अब इस क्षेत्र में इजरायल के कितने मित्र हैं. इनमें सऊदी अरब भी शामिल है.
The pro-Israel assemblage has agelong treated Palestinian maps not showing Israel arsenic a signifier of incitement.@IsraeliPM contiguous utilized a representation astatine the UN showing Israel arsenic comprising each of Mandatory Palestine.
This should besides beryllium condemned by the US and each successful our assemblage arsenic incitement. pic.twitter.com/Fy2On2K4lc
— Dylan Williams (@dylanotes) September 22, 2023
तो फिर हंगामा क्यों?
जेरूशलम पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, दरअसल नेतन्याहू ने जिस नक्शे का इस्तेमाल किया, उसमें वह सारा इलाका शामिल है जिसके बारे में फिलिस्तीनियों का मानना है कि यह उनके राज्य की सीमा में है. जैसे वेस्ट बैंक, गाजा और पूर्वी यरुशलम, जिसे इस नक्शे के मुताबिक, नेतन्याहू ने इजरायल का होने का दावा कर दिया. इनमें दो इलाके अभी फिलिस्तीनी अथॉरिटी के कब्जे में हैं, तीसरे पर इजरायल की सेना का कब्जा है. अमेरिकन्स फॉर पीस नाउ के सीईओ हैदर सुस्किंड ने एक्स पर लिखा, ग्रेटर इजरायल का नेतन्याहू का सपना उनके भाषणा के सबसे इमानदार हिस्से में से एक है.
In lawsuit determination is immoderate doubt, Netanyahu made wide with his small representation contiguous what normalization truly seeks: eliminating Palestine and Palestinians from the portion and legitimizing greater Israel, each with the blessing of Arab regimes. pic.twitter.com/nFxwEMAKVR
— Yousef Munayyer (@YousefMunayyer) September 22, 2023
क्या है ग्रेटर इजरायल?
ग्रेटर इजरायल की कल्पना थियोडोर हर्जल (father of Zionism Theodore Herzl) ने की थी. इसीलिए इसे ज़ायोनी प्लान (Zionist Plan) भी कहा जाता है. उनके मुताबिक, ग्रेटर इजरायल मिस्र से फरात नदी तक फैला हुआ है. इसमें पूरा फिलिस्तीन, दक्षिणी लेबनान से लेकर सिडोन और लिटानी नदी तक. इसके अलावा सीरिया के गोलान हाइट्स, हौरान मैदान और डेरा, जॉर्डन और अकाबा की खाड़ी तक इसमें शामिल हैं. इसका सीधा मतलब है कि पूरा फिलिस्तीन इजरायल का हिस्सा होगा. इतिहासकारों का कहना है कि नेतन्याहू इसी सपने को पूरा करने के लिए गाजा से लेकर लेबनान तक तबाही मचा रहे हैं. वे पूरे इलाके पर कब्जा करना चाहते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
September 29, 2024, 16:38 IST