मंदाकिनी नदी की फोटो
Chitrakoot Mandakini River Pollution: धर्मनगरी चित्रकूट से बहने वाली पवित्र नदी मां मंदाकिनी का विशेष महत्व माना गया है. मान्यता है कि मंदाकिनी नदी का उद्गम माता सती अनुसूया ने अपनी तपस्या से ऋषि अत्रि की प्यास बुझाने के लिए किया था. यहां हर रोज हजारों लाखों की तादाद में श्रद्धालु आते हैं,लेकिन आज यह नदी प्रदूषित होती जा रही है.
मंदाकिनी नदी हो रही है प्रदूषित
मंदाकिनी वही नदी है, जहां प्रभु श्री राम भी स्नान किया करते थे. लेकिन रामघाट के तट से बहने वाली मंदाकिनी नदी का पानी अब धीरे-धीरे प्रदूषित होता जा रहा है. क्योंकि यहां आने जाने वाले श्रद्धालु पूजा पाठ की सामग्री का विसर्जन भी अब मंदाकिनी नदी में ही कर देते हैं. इसके साथ ही चित्रकूट से बहने वाले नालों का पानी भी अब सीधे मंदाकिनी नदी में गिर रहा है.
स्थानीय निवासी बोले जल स्रोत हो रहा कम
चित्रकूट के स्थानीय निवासी अजीत सिंह ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि चित्रकूट की मंदाकिनी नदी के ऊपर के जल स्रोत अब दिनों दिन कम होते जा रहे हैं. उनका कहना है कि जहां-जहां जनता की पहुंच ज्यादा है, वहां गंदगी भी ज्यादा हो रही है. इसका मुख्य कारण प्लास्टिक, हवन की सामग्री और प्लास्टिक की बोतल है, जिसे लोग नदी में ही फेंक देते हैं.
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नदी में गिर रहे कई नाले
अजीत सिंह ने बताया की मंदाकिनी नदी में कई नाले भी सीधे गिर रहे हैं. नालों की वजह से भी नदी में प्रदूषण दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. हालांकि, प्रशासन की ओर से तमाम प्रयास हो रहे हैं. 16 नाले कर्वी से चित्रकूट के बीच गिर रहे थे, उनमें से 6 से 7 नालों को प्रशासन ने टैब भी करवा दिया है. स्थानीय निवासी ने नदियां साफ न होने के पीछे प्रशासन के साथ लोगों को भी जिम्मेदार बताया.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 11:33 IST