मुंबई: महाराष्ट्र में इस बार का विधानसभा चुनाव बिल्कुल अलग है. छह पार्टियां चुनावी मैदान में हैं. 20 नवंबर को वोटिगं है. ऐसे में बीजेपी को पूरा भरोसा है कि ‘महायुती’ की जीत होगी. बीजेपी के एक सूत्र ने CNN-News18 को बताया, ‘भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी. हमें तीन अंकों में सीटें मिलेंगी. ‘महायुती’ आराम से 150 सीटों के पार चली जाएगी.’ पार्टी का आंकलन है कि महायुति गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलेगा.
पहला कारण
इसका सबसे बड़ा कारण वो 76 सीटें, जहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है. बीजेपी को भरोसा है कि वह इनमें से 50 से अधिक सीटें अपने नाम कर लेगी. महाराष्ट्र में कांग्रेस 102 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इनमें से 76 सीटों पर उसका सीधा मुकाबला बीजेपी से है. बीजेपी के कई सूत्रों ने बताया, ‘बीजेपी का स्ट्राइक रेट जितना अधिक होगा, कांग्रेस का उतना ही कम होगा.’ महाराष्ट्र में भाजपा 152 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. भाजपा के सहयोगी दलों के टिकट पर एक दर्जन से अधिक भाजपा नेता मैदान में हैं.
दूसरा कारण
सूत्रों की मानें तो भाजपा के यकीन की दूसरी वजह है यह है कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना का कामकाज से महायुति का प्रदर्शन बेहतर होगा. सूत्रों का कहना है कि शिंदे ने विकास और लाडकी बहन योजना के मुद्दे पर अच्छा प्रचार अभियान चलाया है. बीजेपी के आकलन के मुताबिक, शिंदे गुट, उद्धव गुट को कई सीटों पर पीछे छोड़ देगा. बीजेपी सूत्रों का कहना है कि उद्धव की पार्टी छह दलों के मुकाबले में पांचवें या छठे नंबर पर रह सकती है. बीजेपी को लगता है कि कांग्रेस और उद्धव गुट दोनों का स्ट्राइक रेट खराब रहेगा. महा विकास आघाड़ी में सिर्फ शरद पवार की पार्टी ही कुछ कर पाएगी क्योंकि शरद पवार ने अपनी सीटें अच्छे से चुनी हैं और बेहतर तरीके से चुनाव लड़ा है.
बीजेपी का मानना है कि कांग्रेस और उद्धव की शिवसेना के बीच सीट बंटवारा गलत तरीके से हुआ है. इसका नतीजा चुनाव में देखने को मिलेगा. बीजेपी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस कुछ ऐसी सीटों पर लड़ रही है, जहां वो जीत ही नहीं सकती. महा विकास अघाड़ी खेमा सीटों को लेकर भी उलझन में है और मुद्दों पर भी’.
तीसरा फैक्टर
तीसरा और एक बड़ा कारण महायुती के पक्ष में मजबूत ओबीसी एकजुटता होना है. भाजपा सूत्रों का कहना है कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे ‘एक हैं तो सेफ हैं’ से प्रेरित है. भाजपा के एक सूत्र ने कहा कि यह नारा महायुती की लोकप्रिय महिला योजना के साथ मिलकर जाति की सीमाओं को पार कर महायुती के लिए बड़ा फायदा ला सकता है. भाजपा सूत्र ने कहा कि यह नारा इतना लोकप्रिय है कि राहुल गांधी को इसी मुद्दे पर सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ी. हालांकि एमवीए ने कहा है कि यह नारा फूट डालने वाला है, लेकिन हो सकता है कि इसने महाराष्ट्र में हिंदू एकजुटता के अपने उद्देश्य को पूरा किया हो.
चौथा कारण
भाजपा सूत्रों का कहना है कि विदर्भ में पार्टी के पक्ष में आया उलटफेर जीत का चौथा बड़ा कारण हो सकता है. लोकसभा चुनावों में किसानों की नाराजगी और संविधान के मुद्दे पर चले प्रचार अभियान के कारण पार्टी का प्रदर्शन यहां काफी खराब रहा था. भाजपा ने हाल ही में कपास और सोयाबीन किसानों को राहत देने के लिए कुछ कदम उठाए हैं. इस बार मौसम अनुकूल रहा और उपज अच्छी हुई है. संविधान का मुद्दा भी अब ठंडा पड़ चुका है. भाजपा सूत्रों का कहना है कि ये सारी बातें महायुती के पक्ष में काम करेंगी.
पांचवां कारण
महायुति के पक्ष में काम करने वाला पांचवां फैक्टर है, गठबंधन के कई बार के सांसदों के प्रति लोगों का गुस्सा. लोकसभा चुनाव के नतीजों से ये गुस्सा साफ दिख रहा है. आरएसएस फिर से पूरी ताकत से मैदान में उतर आया है. उसका मकसद बीजेपी के वोटरों को पोलिंग बूथ तक लेकर आना है. सूत्रों ने दावा किया कि बीजेपी का कैंपेन ज्यादा व्यवस्थित और समन्वित रहा है. जबकि कांग्रेस ने ‘क्रोनी कैपिटलिज्म’ के मुद्दे पर फोकस किया है, जो अब दम तोड़ता नजर आ रहा है.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 13:45 IST