दो किलोमीटर झील
बागेश्वर: उत्तराखंड का हिमालयी क्षेत्र प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील है. भूस्खलन और जलभराव के कारण यहां कई बार अनोखी और हैरान कर देने वाली आकृतियां बन जाती हैं. ऐसा ही एक मामला बागेश्वर जिले से सामने आया है, जहां शंभू नदी में करीब 2000 मीटर चौड़ी कृत्रिम झील बनने की खबर है. यह झील चमोली जिले के लिए खतरे का संकेत मानी जा रही है.
शंभू नदी के ऊपर स्थित कुंवारी गांव में 2018 से लगातार भूस्खलन हो रहा है. इस भूस्खलन का मलबा नदी में जमा हो जाने के कारण नदी के बहाव में रुकावट पैदा हुई. धीरे-धीरे पानी एक जगह इकट्ठा होकर झील का रूप लेता गया. यह झील साल 2022 और 2023 में भी बनी थी, और अब 2024 में तीसरी बार इसका निर्माण हुआ है.
झील को सबसे पहले किसने देखा?
कपकोट के ब्लॉक प्रमुख गोविंद दानू ने अपने क्षेत्रीय निरीक्षण के दौरान झील को देखा. उन्होंने बताया कि इस बार झील की लंबाई और चौड़ाई पिछले वर्षों की तुलना में अधिक है. झील की लंबाई करीब दो किलोमीटर तक आंकी गई है. इसकी सूचना उन्होंने तत्काल प्रशासन को दी.
क्या है खतरा?
भू-वैज्ञानिकों का मानना है कि झील का विकराल रूप भविष्य में बड़ी आपदा का कारण बन सकता है. यदि झील का पानी अचानक निकलता है, तो बागेश्वर के कुछ गांव और चमोली के नारायणबगड़, अरमाल, थराली जैसे निचले क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित हो सकते हैं.
पर्यटन के लिए झील का उपयोग?
हालांकि, आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि इस झील को खतरे के रूप में देखने के बजाय इसे पर्यटन से जोड़ा जाना चाहिए. उनका मानना है कि इससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और स्थानीय लोग पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों के जरिए रोजगार कमा सकेंगे.
प्रशासन की क्या है तैयारी?
लोकल 18 से बातचीत में कपकोट के एसडीएम अनुराग आर्य ने बताया कि झील की स्थिति का निरीक्षण कर लिया गया है और भू-वैज्ञानिकों से इसका सर्वे भी कराया जा रहा है. अभी इसे तत्काल कोई बड़ा खतरा नहीं है. झील की लंबाई करीब 600 मीटर मापी गई है. ड्रोन के जरिए झील की नियमित निगरानी की जा रही है, और जल्द ही पानी की निकासी का काम शुरू किया जाएगा.
भू-वैज्ञानिकों की चेतावनी
भू-वैज्ञानिकों के अनुसार, झील के बनने का सिलसिला जारी रहा तो आने वाले वर्षों में इससे बड़े खतरे उत्पन्न हो सकते हैं. ऐसे में झील की नियमित निगरानी और निकासी की प्रभावी व्यवस्था बनाए रखना जरूरी है.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 15:32 IST