शिमला. हिमाचल प्रदेश के शिमला के संजौली मस्जिद विवाद के बाद शुक्रवार को राजधानी में सदभावना मार्च निकाला गया. इस दौरान विभिन्न संगठनों के आह्वान पर सेवानिवृत न्यायधीश, आईएएस, आईपीएस अधिकारी समेत प्रोफेसर, साहित्यकार, वकील, कलाकार समेत विभिन्न विभागों में बड़े पद पर मार्च में शामिल हुए.
वहीं, हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार की 81 साल की बेटी उर्मिला कंवर भी सदभावना मार्च में शामिल हुई. वह शिमला के कोटगढ़ से खुद गाड़ी चलाकर शिमला पहुंची और लोगों से शांति की अपील की. न्यूज 18 से बातचीत में उर्मिला कंवर ने कहा कि वह किसी बुलावे पर नहीं, बल्कि खुद आई हैं. एक संदेश सोशल मीडिया पर उन्होंने देखा और यहां पहुंची. उन्होंने कहा कि अपने जीवनकाल में उन्होंने शिमला में ऐसा कुछ माहौल नहीं देखा. वह राजनीति को इसके लिए जिम्मेदार मानती हैं.
वहीं, शिमला के पूर्व मेयर टिकेंदर पंवार ने कहा कि प्रशासन को मामले को लेकर सुलझाना चाहिए, ताकि ऐसी स्थिति ना बने कि लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं फेल हो जाएं. इसके अलावा, लक्कड़ बाजार में चश्में बेचने वाले युवक ने कहा कि उन्होंने कहा जा रहा है कि तीन तारीख के बाद शहर छोड़ना पड़ेगा.
शिमला के रिज मैदान में सद्भावना मार्च.
गौरतलब है कि इस मार्च में अधिकारी, महिलाएं और छात्र भी शामिल हुए. एडवांस स्टडी के पूर्व निदेशक डॉ. चेतन सिंह ने भी कहा कि शिमला का माहौल खराब नहीं होना चाहिए. वह शिमला की शांति के लिए मार्च में शामिल हुए हैं. वहीं, दो बार के पूर्व विधायक राकेश सिंघा भी मौके पर पहुंचे हुए थे.
रिज मैदान में महात्मा गांधी की मूर्ति के नीचे एकत्र लोग. (तस्वीर-अनिल ठाकुर)
संजौली मस्जिद के बाद से विवाद
शिमला में संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण के बाद से यहां पर विवाद हो रहा है. यहां पर स्ट्रीट वैंडर पॉलिसी बनाने की मांग के बाद अब सरकार ने एक कमेटी भी बनाई है. ऐसे में अब तहबाजारियों के लिए नियम बनाने के लिए सरकार मंथन करेगी. वहीं, शिमला से शुरू हुआ विवाद अब कई दूसरे इलाकों में भी पहुंचा है और प्रदर्शन हो रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED :
September 27, 2024, 14:37 IST