सुल्तानपुर: खरीफ फसल की कटाई के बाद अब रबी फसल की बुवाई का समय आ गया है. रबी फसल में सरसों प्रमुख है, जिसकी बुवाई किसान बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. हालांकि, बुवाई के तुरंत बाद किसानों को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, अन्यथा फसल को नुकसान हो सकता है. आईए जानते हैं कि सरसों की बुवाई कब और कैसे करें और पहली सिंचाई के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
कृषि विज्ञान केंद्र सुलतानपुर में कार्यरत कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर जे.बी. सिंह ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि वैसे तो सरसों की बुवाई सितंबर माह में ही आरंभ हो जाती है. लेकिन सुल्तानपुर समेत अवध क्षेत्र में सरसों की बुवाई अक्टूबर और नवंबर महीने में की जाती है. अगर आप भी सरसों का बढ़िया उत्पादन चाहते हैं तो आपको बुवाई सितंबर माह के अंत में तथा अक्टूबर और नवंबर के मध्य कर देना चाहिए. ताकि अधिक ठंड पड़ने से पहले सरसों के पौधे विकसित होने लगें. इसके अलावा अधिक उत्पादन के लिए 15 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान बेहतर माना जाता है और बलुई दोमट मिट्टी सर्वाधिक उपयुक्त होती है.
इस तरह तैयार करें खेत
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि सरसों की बुवाई लिए भुरभुरी मिट्टी की जरूरत होती है. इसलिए खरीफ फसल की कटाई के बाद खेत की गहरी जुताई कल्टीवेटर से करनी चाहिए. इसके बाद देसी हल से जुताई करना लाभप्रद माना जाता है. खेतों में नमी बनी रहे इसके लिए हमें पाटा लगाना चाहिए. वहीं अगर हम सरसों के खेत में लगने वाले कीट की बात करें तो इसमें दीमक, चितकबरा और अन्य कीटों का प्रकोप अधिक होता है. इसके नियंत्रण के लिए अन्तिम जुताई के समय क्यूनालफॉस 1.5 प्रतिशत चूर्ण 25 किलोग्राम प्रति हेक्टयर की दर से अंतिम जुताई के साथ खेत मे मिला देना चाहिए. इसके अलावा 50 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर की खाद अथवा वर्मीकल्चर में मिलाकर अंतिम जुताई से पहले मिला देना चाहिए.
न करें यह काम
सरसों की बुवाई के बाद हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए और उनसे बचना चाहिए जैसे सरसों के खेत की पहली सिंचाई बुवाई के 35 से 40 दिन बाद ही करना चाहिए और दूसरी सिंचाई दाना बनने की अवस्था में ही करें अन्यथा पौधों में बियास लगने में समस्या उत्पन्न हो जाएगी.
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FIRST PUBLISHED :
November 23, 2024, 11:07 IST