करौली. सर्दी के मौसम आते ही करौली की बाजारों में इस बार एक खास किस्म का अमरूद चर्चा का केंद्र बना हुआ है. यह अमरूद न केवल अपने स्वाद और मौसम के हिसाब से खास है, बल्कि अपनी विशेष पैकिंग और बड़े आकार के कारण भी लोगों को अपनी ओर खींच रहा है.
यह अमरूद राजस्थान में मशहूर सवाई माधोपुर के अमरूद से भी कई गुना बेहतर दिखता है. इसकी चमकदार त्वचा देखकर अमरूद प्रेमी इसे खरीदने दौड़ पड़ते हैं. खास बात यह है कि करौली के बाजारों में बिक रहा यह अमरूद इलाहाबादी किस्म का है, जो अमरूद के सीजन में केवल 15 से 20 दिन तक बाजार में रहता है.
महंगा और बीज कम होने के बावजूद स्वाद में कमजोर
इस इलाहाबादी अमरूद की सबसे बड़ी खासियत इसकी मजबूत और खास पैकिंग है. फल व्यापारियों के अनुसार, इलाहाबाद से आने की वजह से इस अमरूद को विशेष पैकिंग में लपेटा जाता है. यह इसलिए किया जाता है क्योंकि यह अमरूद बेहद नाजुक होता है और इस पर जल्दी निशान पड़ जाते हैं. पैकिंग की यह प्रक्रिया इस अमरूद को और भी खास बनाती है. इलाहाबाद से आने और खास पैकिंग के कारण यह अमरूद महंगा पड़ता है. व्यापारियों के अनुसार, इसका थोक भाव ₹50 प्रति किलो है और फुटकर में यह ₹70 से ₹80 प्रति किलो तक बिकता है. फल व्यापारी सैनी के अनुसार, इलाहाबाद से आने वाला यह अमरूद केवल अपनी शक्ल-सूरत के कारण लोगों को आकर्षित करता है, लेकिन स्वाद में यह पूरी तरह से लोगों को निराश करता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 11:22 IST