सर्दियों के दौरान पालतू कुत्ते और छोटे पप्पी में पार्बो वायरस का संक्रमण अधिक बढ़ता है. यह बीमारी कुत्तों के रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर उनके पाचन तंत्र को बुरी तरह प्रभावित करती हैं. जिससे कुत्तों में डायरिया और दस्त जैसी समस्या हो जाती है. उनके स्वास्थ्य बहुत गंभीर असर पड़ता है. ऐसे में बोकारो चास पेट क्लिनिक के पशु चिकित्सक डॉ अनिल कुमार ने पार्बो वायरस के रोकथाम और बचाव से जड़े जरूरी जानकारी दी है.
डॉक्टर अनिल ने लोकल 18 से कहा कि आमतौर पर नवंबर से मार्च महीने तक कुत्तों में पार्वो वायरस का प्रकोप अधिक सक्रिय रहते हैं.क्योंकि, ठंडी के दौरान कुत्तों की साफ सफाई कम होती है. इसके अलावा ठंडी में कुत्तों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से वायरस का प्रभाव अधिक होता है .वहीं संक्रमित कुत्ते के मल और उनके संपर्क में आने से यह बीमारी स्वस्थ कुत्तों में फैल सकती है. इस बिमारी का मुख्य कारण कैनाइन पार्वोवायरस नामक वायरस जो दूषित वातावरण, दूषित खानपान और संक्रमित कुत्तों के संपर्क में आने से फैलता है.
डॉग्स को बार-बार उल्टी आना
इस बिमारी को डॉग्स लवर आसानी से पहचान कर सकते है. पार्बो वायरस से संक्रमित कुत्तों में खाना-पीना पुरी तरह बंद कर देते हैं. डॉग्स को बार-बार उल्टी आने की समस्या होती है .इसके अलावा कुत्तों में दस्त के दौरान खून आना इसका बड़ा पहचान है. इस बीमारी से पीड़ित कुत्ता कमजोर हो जाता है. कई बार देखभाल के अभाव में कुत्तों की मौत भी हो सकती .ऐसे में इस तरह के लक्षण कुत्तों में दिखने पर तुरंत नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करें पशु की की स्वास्थ जांच करनी चाहिए .
कुत्तों को साफ जगह पर टहलाए
इसके अलावा ठंड के दौरान कुत्तों को टहलने के समय साफ और सुरक्षित जगह पे टहलाए. सर्दियों के दौरान दूसरे कुत्तों के संपर्क में आने से अपने कुत्ते को बचाए. अपने कुत्ते को सही समय पर टीकाकरण करें. यह पार्बो के अलावा अन्य बीमारी से भी बचाव करने में आपकी मदद करें .
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FIRST PUBLISHED :
November 23, 2024, 17:02 IST