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जहां सांपों की जान पर बनती है, वहां ये शख्स पहुंच जाता है, 2,000 सांपों को दे चुका है नई जिंदगी!
कच्छ: गुजरात के कच्छ के दूरदराज़ इलाकों में सांपों का दिखना आम है, लेकिन वहां के ग्रामीण इलाकों में सांपों को मारने की घटनाएं भी होती हैं. 75 साल के गौरिगर डानागर गोस्वामी ने इसे रोकने का बीड़ा उठाया है. उनका मानना है कि सांप भी पर्यावरण का हिस्सा हैं और उन्हें मारना सही नहीं. बता दें कि गौरिगर गोस्वामी, पिछले 40 वर्षों से सांपों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर छोड़ रहे हैं. वे अब तक 2,000 से अधिक सांप बचा चुके हैं.
40 सालों से मुफ्त में कर रहे हैं सांप रेस्क्यू
गौरिगर गोस्वामी, कच्छ जिले के भचाउ तालुका के माणफरा गांव के निवासी हैं. वे बीते 40 सालों से बिना एक रुपया लिए सांपों को पकड़ते हैं और उन्हें जंगल या सुरक्षित स्थान पर छोड़ देते हैं. अब तक वे 2,000 से ज्यादा सांप रेस्क्यू कर चुके हैं.
लोगों को सांपों से बचाने का मिशन
गौरिगर का कहना है, “लोग जब घर में सांप देखते हैं तो उसे मार देते हैं. मैं बिना किसी शुल्क के सांप पकड़ता हूं ताकि लोग इन्हें न मारें और किसी को नुकसान न पहुंचे.”
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सांप पकड़ने के दौरान हुई अजीब घटनाएं
गौरिगर ने सांप रेस्क्यू करते समय कई चौंकाने वाले अनुभव किए हैं. उन्होंने एक घटना साझा करते हुए बताया “एक बार मैं अपने दोस्त के घर सांप पकड़ने गया. सांप को पकड़कर मैंने बॉक्स में रखा और उसे जंगल में छोड़ने ले गया. लेकिन जब बॉक्स खोला तो उसमें सांप था ही नहीं. सांप गायब हो गया था. मैं और मेरे दोस्त हैरान रह गए.”
पर्यावरण और जान की रक्षा के लिए समर्पित
गौरिगर गोस्वामी का काम न सिर्फ सांपों की जान बचाता है, बल्कि लोगों को सांपों के प्रति जागरूक भी करता है. उनका यह कार्य पर्यावरण को संतुलित रखने में मददगार है और उनके प्रयास सराहनीय हैं.
Tags: Local18, Special Project
FIRST PUBLISHED :
November 23, 2024, 11:01 IST