Stock Market Correction: शेयर बाजार में करेक्शन के दौर ने स्मॉल-कैप और मिड-कैप शेयरों को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिस ...अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : November 18, 2024, 19:55 IST
नई दिल्ली. शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी है. आज यानी सोमवार, 18 नवंबर को कारोबारी हफ्ते के पहले दिन बाजार में बिकवाली देखने को मिली और सेंसेक्स-निफ्टी लाल निशान में बंद हुए. बाजार की हालिया गिरावट से निवेशकों के माथे पर चिंता की लकीरें आ गई हैं. शेयर बाजार में करेक्शन के दौर ने स्मॉल-कैप और मिड-कैप शेयरों को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिसमें दो तिहाई से ज्यादा शेयर पर बियर्स की पकड़ मजबूत हो गई है.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के डेटा के मुताबिक, इन सेगमेंट के 1,020 शेयरों में से 67 फीसदी शेयर अपने 52-वीक के हाई लेवल से 20 फीसदी से ज्यादा गिर गए हैं. यह ध्यान देने योग्य है कि इनमें से 936 शेयरों ने 2024 की शुरुआत में अपने 52-वीक के हाई लेवल को छुआ था, लेकिन बाजार की कमजोरी के बीच तेज गिरावट का सामना करना पड़ा.
इन क्षेत्रों में बिकवाली का दबाव कम
एनालिस्ट का मानना है कि इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं, जिनमें अर्निग में निराशा और ज्यादा वैल्यूएशन शामिल हैं, जिससे निवेशकों की सेंटीमेंट कमजोर हुई है. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) द्वारा भारतीय शेयरों में आक्रामक बिकवाली के बावजूद, आईसीआईसीाी सिक्योरिटीज ने हाल ही में बताया कि स्मॉल-कैप और मिड-कैप इंडेक्स ने निफ्टी की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है. यह दर्शाता है कि इन क्षेत्रों में बिकवाली का दबाव कम है. हालांकि, ब्रोकरेज ने चेतावनी दी है कि रिस्क भरे माहौल में ये स्टॉक्स असुरक्षित रह सकते हैं, क्योंकि उनकी लो लिक्विडिटी नुकसान को बढ़ा सकती है.
एफपीआई ने भारतीय शेयरों में घटाई बड़ी हिस्सेदारी
अक्टूबर के अंत तक एफपीआई ने भारतीय शेयरों में अपनी हिस्सेदारी घटाकर एक दशक के निचले स्तर 16 फीसदी पर ला दी, जबकि म्यूचुअल फंड्स ने 64,700 करोड़ रुपये का निवेश किया, जिसमें से 12,100 करोड़ रुपये मिड, स्मॉल और माइक्रो-कैप स्टॉक्स में लगाए गए.
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FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 19:55 IST