सुल्तानपुर: दीपावली के त्योहार पर आपको प्रत्येक बाजार में धान का चूड़ा बिकते हुए दिख जाएगा. कई घरों में ये सालभर उतने ही चाव से खाया जाता है. इससे बनने वाली डिश पोहा करीब-करीब हर परिवार की डाइट का हिस्सा होती है. यही नहीं ग्रामीण पृष्ठभूमि के लोग भी चूड़ा बहुत पसंद करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं धान का चूड़ा कैसे बनाया जाता है इसकी क्या प्रक्रिया है? अगर नहीं तो आज के इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं कि धान अथवा पैडी से कैसे चूड़ा बनाया जाता है.
जानिए क्या है इसके बनने की प्रक्रिया
सबसे पहले धान अथवा पैडी से इसकी शुरुआत की जाती है. फैक्ट्री में जो धान रखा जाता है, उसे इसके छिलके के साथ ही रखा जाता है. इसके बाद इसकी सफाई और धुलाई छिलके के साथ ही की जाती है. अगले स्टेप में इसे पानी में भिगोकर लगभग 8 घंटा रखा जाता है फिर पानी से निकलने के बाद लगभग 14-15 घंटे ऐसे ही फैलाकर छोड़ दिया जाता है. इसके बाद की प्रक्रिया में धान अथवा पैडी को रोस्टर में डालकर उच्च तापमान पर भूना जाता है, फिर इसे प्रेस कर दिया जाता है.
इस माह में बढ़ती है भारी डिमांड
चूड़ा निर्माता रामचंद्र ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि वैसे तो चूड़ा सालभर बाजार में बिकता है लेकिन दीपावली त्योहार के मद्देनजर यह दीपावली से एक माह पहले बाजार में भारी डिमांड के रूप में चढ़ जाता है. आपको बता दें कि सुल्तानपुर के बसुपुर गांव के रहने वाले रामचंद्र सीजन में लगभग 50 से 60 कुंटल चूड़ा तैयार कर लेते हैं.
क्या है पहला और दूसरा चरण
दरअसल चूड़ा बनाने के लिए दो चरणों पर काम होता है. जहां पहले चरण में भट्टी के अंदर धान को कल्हारते हैं. वहीं दूसरे चरण में मशीन में धान को डालकर चूड़ा बनाया जाता है. इसमें धान की जो भूसी निकलती है, वो भी इस्तेाल कर ली जाती है. इसी भूसी के माध्यम से कल्हारी जाने वाली भट्टी में आग भी तैयार कर ली जाती है. इस प्रकार दोगुना फायदा होता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 11:19 IST