शिमला. हिमाचल प्रदेश में एक बिजली कंपनी का पैसा ना लौटाने पर दिल्ली में सरकारी संपति को कुर्क करने के आदेश हाईकोर्ट की तरफ से जारी हुए हैं. अब इन आदशों के चलते हिमाचल प्रदेश सरकार घिर गई है. ऐसे में अब सरकार को सफाई देनी पड़ रही है. सरकार और कोर्ट में अब इस मामले को लेकर टकराव देखने को मिल रहा है. वहीं, कांग्रेस पार्टी के नेता ने तो जज पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं.
हिमाचल प्रदेश के सीएम सुक्खू ने मंगलवार दोपहर को इस मामले में बयान जारी किया. सीएम ने शिमला में कहा कि जैसे हम हैं, वैसे ही जज और दूसरे जूडिशियरी ऑफिसर भी सरकारी संपति के केयरटेकर हैं. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि यह 2009 का मामला है. हिमाचल भवन को अटैच करना या ना करना तो अलग बात है. मोजर बेयर कंपनी ने इस बिजली प्रोजेक्ट को शुरू नहीं किया था. पूर्व की बीजेपी सरकार ने इस पर कुछ नहीं किया और हिमाचल का बेड़ा गर्क कर दिया. सीएम ने बताया कि 64 करोड़ कोई बड़ी रकम नहीं है. अदालत को यह देखना चाहिए था. सीएम ने बताया कि इस फैसले के खिलाफ सरकार अपील करेगी. गौरतलब है कि सिंगल बैंच ने यह फैसला दिया है.
कांग्रेस नेता का विवादित बयान
इस पूरे विवाद पर कांग्रेस के सीनियर नेता राशिद अल्वी ने कहा कि हाईकोर्ट या किसी भी कोर्ट के फैसले का हम सम्मान करते हैं, लेकिन जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है, तब से ऐसे भी जज बनाए जा रहे हैं, जो कि एक विचारधारा के हैं. बंगाल में हमने देखा है कि कैसे एक जज साहब ने बीजेपी ज्वाइन कर ली. इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने की बात करते हैं. जज को फैसला कानून के मुताबिक करने चाहिए. न्यायपालिका में ऐसे जजों पर कैसे भरोसा किया जा सकता है.
उधर, हिमाचल भवन की नीलामी के हाईकोर्ट के आदेश पर कैबिनेट मंत्री रोहित ठाकुर ने भी बयान दिया है. मंत्री ने कहा कि सरकार के पास सभी कानूनी विकल्प खुले हैं. ये सिंगल बैंच का ऑर्डर है और इस पर सीएम आगामी निर्णय लेंगे. मंत्री ने कहा कि बीजेपी को कांग्रेस पार्टी की सरकार पच नहीं रही है और 2022 से ही बीजेपी की हर जगह करारी हार हुई. ऐसे में सरकार को दुष्प्रचार के जरिए अस्थिर करने का प्रयास भाजपा कर रही है. केंद्र सरकार ने हिमाचल की कोई मदद नहीं की है और जेपी नड्डा और अनुराग ठाकुर ने केंद्रीय मंत्री रहते हुए कोई मदद नहीं की. वह केवल राजनीति कर रहे हैं. मंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर राजनीति कर रहे हैं.
आख़िर…हिमाचल का और क्या-क्या बिकवाएगी कांग्रेस की निकम्मी सरकार?
जनहित की बजाय मित्रहित में आकंठ डूबी हिमाचल की कांग्रेस सरकार आए दिन अपने निकम्मेपन से देवभूमि के मान-सम्मान को धूमिल कर रही है। कांग्रेस की लापरवाही के चलते हिमाचल हाई कोर्ट द्वारा दिल्ली में हिमाचल की…
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) November 19, 2024
भाजपा ने भी किया सीएम के बयान पर पलटवार
भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि सरकार के लिए शर्मसार करने वाला यह आदेश है. सरकार को सोचना चाहिए कि ऐसा क्या हुआ कि सरकार को संपत्ति अटैच करने का निर्णय देना पड़ा. सरकार किसी भी मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है. सीएम ने कहा कि पूर्व सरकार ने कुछ नहीं किया, यह आरोप गलत है. वर्तमान सरकार को बने 2 साल हो गए और एक्जिक्यूशन के ऑर्डर इसी सरकार में आए हैं. उधर, जयराम ठाकुर ने दिल्ली में सरकार पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस राज में हिमाचल की संपत्तियां नीलाम होने की कगार पर पहुंच गई हैं.
क्या है विवाद
हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति में एक मेगा हाईड्रो प्रोजेक्ट लगना था. इस प्रोजेक्ट के लिए मोजर बेयर कंपनी ने सरकार को अपफ्रंट मनी के तौर पर 64 करोड़ रुपये दिए थे. बाद में लाहौल स्पीति में यह प्रोजेक्ट नहीं लग पाया तो कंपनी कोर्ट चली गई. यहां से ये पैसे अब ब्याज सहित सरकार को लौटाने के आदेश दिए गए हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि यदि सरकार ने पैसा नहीं लौटाया तो दिल्ली की संपति की नीलामी के लिए कंपनी अधिकृत है और इस प्रॉपर्टी को कुर्क किया जाए.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 15:39 IST