हजारीबाग. सर्दियों के मौसम के आगमन के साथ ही हजारीबाग के जलाशयों में विदेशी मेहमान पंछी का आगमन शुरू हो चुका है. यह विदेशी मेहमान पक्षी बिना किसी वीजा पासपोर्ट के हिमालय की चोटी पार करके भारत पहुंचे है. हर साल ठंड के दिनों में झारखंड के हजारीबाग जिला स्थित छड़वा डैम, तिलैया डैम, गोंदा डैम जैसे कई जलाशयों में 3000 किलोमीटर की दूरी तय कर शीतकालीन प्रवासी पंछी पहुंचते है.
सेंट्रल एशिया से आते हैं पक्षी
इस संबंध में हजारीबाग के पर्यावरणविद मुरारी सिंह बताते है कि यहां आए पंछी खासकर सेंट्रल एशिया के देशों से यहां आते है. हजारीबाग जिले में कोई भी पंछी साइबेरिया देश से नहीं आता है. इनके आने के पीछे का मुख्य कारण होता है कि वहां के जलाशयों में बर्फ की मोटी परत जम जाती है. इन पक्षियों को खाना जुटाना मुश्किल हो जाता है. इसी वजह से हर साल बेहतर जलवायु और भोजन के लिए यह पक्षी प्रवास में आते हैं. पक्षियों का अधिकतर प्रवास उत्तर से दक्षिण दिशा के और कुछ दक्षिण से पूर्व दिशा की ओर जाते हैं. जिस कारण ये उत्तर से इधर आते है. यहां कुल 49 प्रजाति के शीतकालीन जलीय पंछी आते हैं.
आते हैं शीतकालीन प्रवासी पक्षी
हजारीबाग में आने वाले बार हेडेड गूज सबसे ऊंचाई पर उड़ने वाले पक्षियों में से एक हैं. यह हिमालय के ठीक ऊपर से उड़कर यहां आते हैं. ये पंछी हजारीबाग में 4 महीना का समय बिताने के बाद वापस अपने वतन लौट जाते हैं. लेकिन अब तक यहां नहीं पहुंचे है. इन दिनों हजारीबाग के जलाशयों में मुख्य रूप से रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, रडी सेलडक, फाल्केटेड डक, पिंटेल, ग्रेट क्रेस्टेड ग्रीब, यूरेशियन विजन, गडवाल जैसे शीतकालीन प्रवासी पक्षी पहुंचे हैं. वहीं जलीय पक्षियों के अलावा वाटर डिपेंडेंट, ग्रास और बुश बर्ड भी पहुंचते हैं.
उन्होंने आगे बताया कि हालिया सालों में इनकी संख्या में कमी आई है. इसके साथ ही कुछ इलाकों में इसका लोग शिकार करते है. इस वर्ष वक्त से पहले कुछ झुंड हजारीबाग के जलाशयों में पहुंच गए थे.
FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 20:38 IST