हेमंत सोरेन ने क्यों ली अकेले शपथ? अब उठ गया बहुत बड़े राज से पर्दा...

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रांची. हेमंत सोरेन झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले चुके हैं. हेमंत सोरेन का शपथ ग्रहण समारोह गुरुवार को बड़े शानादार अंदाज में संपन्न हुआ. सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान, ममता बनर्जी, दीपांकर भट्टाचार्य, राधव चड्ढा, संजय सिंह और तेजस्वी यादव सहित विपक्ष कई बड़े नेता जुटे. हालांकि, इस शपथ ग्रहण समारोह में सभी नेता एक मंच पर मौजूद जरूर थे, लेकिन सबों में दूरियां साफ नजर आ रही थी. हेमंत सोरेन के शपथ के बाद चारों तरफ चर्चा हो रही है कि आखिर हेमंत सोरेन चुनाव लड़े थे साथ-साथ लेकिन, शपथ अकेले में क्यों ले ली? हेमंत सोरेन का मंत्रिमंडल ने क्यों शपथ नहीं लिया?

कहा जा रहा है कि कांग्रेस, जेएमएम और आरजेडी नेताओं में मंत्रिमंडल को लेकर पूरी तरह से सहमति नहीं बन पाई थी. क्योंकि, पंडित जी ने हेमंत सोरेन की जन्मुकुंडली के हिसाब से 28 नंबर का दिन तय किया था. हेमंत सोरेन यह बात गठबंधन के बड़े नेताओं को दिल्ली में मिलकर पहले ही बता दिया था. हेमंत सोरेन का जन्म की तारीख 10 अगस्त है. 10 नंबर का अंक हेमंत के लिए शुभ माना जाता है. ऐसे में 28 नवंबर का अंकों का जोड़ 10 है.

हेमंत सोरेन के अकेले शपथ लेने से उठ गया पर्दा
28 नवंबर को हेमंत सोरेन का शपथ तो हो गया, लेकिन बाकी मंत्रिमंडल का शपथ नहीं हो सका. हालांकि, राजनीतिक गलियारे में दूसरी तरह की भी चर्चाएं हो रही हैं कि हेमंत सोरेन और कांग्रेस के स्थानीय नेताओं में मंत्रिमंडल में सीटों को लेकर थोड़ा मतभेद हो गया था. कांग्रेस नेता राज्य में डिप्टी सीएम तक की मांग करने लगे थे. इस वजह से हेमंत सोरेन किसी वाद-विवाद से बचने के लिए पहले शपथ ले ली.

ज्योतिष और अनबन में उलझ गया है मामला
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें त झारखंड में इंडिया गठबंधन की जीत में हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन की काफी अहम भूमिका रही है. कांग्रेस या आरजेडी के नेताओं ने तो चुनाव प्रचार तक ठीक से नहीं किया. हेमंत सोरेन ने तो गठबंधन धर्म का पालन कर कांग्रेस और आरजेडी को बहुत इज्जत दे दी. मल्लिकार्जुन खरगे एक दिन के लिए आए और राहुल गांधी ने भी ज्यादा वक्त झारखंड में नहीं दिया. राहुल गांधी बहन प्रियंका गांधी के चुनाव प्रचार में वायनाड में व्यस्त थे. इसलिए ज्यादा टाइम नहीं दे पाए. लेकिन, आखिरी मौके पर उनकी तीन-चार सभाएं हुईं. लेकिन, कल्पना सोरेन और हेमंत सोरेन ने पूरे झारखंड में इंडिया गठबंधन की हवा बनाई. इस वजह से जनता ने हेमंत को चौथी बार सीएम बनाया.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने बोल दी बड़ी बात
झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार को 9 अगस्त तक बहुमत साबित करना है. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा, ‘सबसे बड़ा मुद्दा था सरकार बने. हमलोगों ने भारी बहुमत से सरकार बनाया है. सीएम की शपथ ग्रहण समारोह हो गई है. अब नहीं लगता है कि कोई अड़चन है. मुख्यमंत्री जी अब अपने कैबिनेट का विस्तार करेंगे. हमलोग सहयोग करेंगे. जिन लोगों का चयन होगा उनको मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी. 9 तारीख को बहुमत साबित करने का फैसला लिया है. उसके बाद हमलोग सारी चीजों पर विचार कर फैसला करेंगे. अगर मुख्यमंत्री बीच में चाहेंगे तो बीच में भी विस्तार हो सकता है. रही बात मंत्रिमंडल में कौन-कौन लोग आएंगे. इसपर हमलोग मिलकर विचार करेंगे.’

कुलमिलाकर झारखंड में अब मंत्रिमंडल को लेकर अब सारी राजनीति शुरू होगी. माना जा रहा है कि इस बार दागी चेहरों को मंत्रिमंडल में कांग्रेस शामिल नहीं करेगी. ऐसे में लगभग पुराने सारे मंत्रियों का पत्ता कटना लगभग तय माना जा रहा है. क्योंकि, विपक्ष आने वाले दिनों में दागी चेहरों को लेकर हमला बोल सकती है.

Tags: Astrology, CM Hemant Soren, Jharkhand news

FIRST PUBLISHED :

November 29, 2024, 17:59 IST

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