1500 विस्थापित परिवारों को पीलीभीत में मिलेगा जमीन का मालिकाना हक

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Agency:News18 Uttar Pradesh

Last Updated:January 30, 2025, 20:07 IST

Pilibhit News : 1947 में भारत-पाक विभाजन और पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश बनने के बाद बड़ी संख्या में शरणार्थी भारत आए थे. विस्थापित लोगों को बड़ी संख्या में पीलीभीत में बसाया गया था. हालांकि 5 दशक के बाद भी ...और पढ़ें

1500 विस्थापित परिवारों को पीलीभीत में मिलेगा जमीन का मालिकाना हक

सांकेतिक फोटो.

हाइलाइट्स

  • 1500 विस्थापित परिवारों को मिलेगा जमीन का मालिकाना हक.
  • 5 दशक बाद पीलीभीत में जगी उम्मीदें.
  • सर्वे और वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी हुई.

पीलीभीत : 1947 में भारत-पाक विभाजन के बाद पूर्वी पाकिस्तान व पश्चिमी पाकिस्तान(अब बांग्लादेश)से विस्थापित लोगों को बड़ी संख्या में तराई में भी बसाया गया था. पीलीभीत में बसाए गए विस्थापित लोगों के परिजनों को अब जल्द जमीन का मालिकाना हक मिलने की उम्मीद जगी है. शासन स्तर पर इसको लेकर कवायद शुरू हो गई. इसके लिए बनाई गई कमेटी मौके पर सर्वे करवाने का काम कर रही है. प्रशासन की ओर से ग्राउंड सर्वे के दौरान तकरीबन 1500 परिवारों को चिन्हित किया गया है.

दरअसल 1960 में तमाम विस्थापित परिवारों को नानक सागर डैम के समीप स्थित भूमि पर बसाया गया था. जिसके बाद वर्ष 1972 में बांग्लादेश बनने के साथ ही तराई में विस्थापित बंगाली परिवारों के बसने का सिलसिला शुरू हो गया था. जानकारी के मुताबिक अब के उत्तराखंड में स्थित रुद्रपुर के रिफ्यूजी कैंप में मौजूद लगभग 1700 विस्थापित परिवारों को तराई के जिले पीलीभीत में बसाया गया. उसी दौरान गवर्मेंट ग्रांट एक्ट के तहत इन परिवारों को जमीन दी गई थी. इसके बाद से ही इन परिवारों ने पीलीभीत में शरण ले ली थी.

1500 परिवारों को मिलेगा जमीन का मालिकाना हक
पीलीभीत जिले के पूरनपुर, कलीनगर, अमरिया व सादर तहसीलों में इन परिवारों को रहने व कृषि के लिए जमीन दी गई थी. अगर पिछले वर्षों के आंकड़ों की देखें तो जिले में विस्थापित बंगाली समुदाय की संख्या 30 से 35 हजार के बीच है. इन परिवारों के वारिसों की उनकी जमीन का मालिकाना हक दिलाने की कवायद को लेकर मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आंजनेय सिंह की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया था. इसी क्रम में पीलीभीत प्रशासन ने भी ग्राउंड सर्वे और वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी की, जिसमें 2100 से अधिक परिवार शामिल थे. इन में से लगभग 1500 परिवार ऐसे हैं जिन्हें जमीनों पर अधिकार मिलने की उम्मीद है.

सर्वे का काम हुआ पूरा
पूरे मामले पर अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत डीएम संजय कुमार सिंह ने बताया कि कई विस्थापित परिवारों को जिले में बसाया गया था. इनकी जमीनों व दस्तावेजों का सर्वे व वेरिफिकेशन कराया गया है. जिनके पास पर्याप्त दस्तावेज है उन्हें जमीनों पर अधिकार मिलने की उम्मीद है.

Location :

Pilibhit,Pilibhit,Uttar Pradesh

First Published :

January 30, 2025, 20:07 IST

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