झांसी. भारत की सीमाओं में एक बड़ा हिस्सा पहाड़ का है. पाकिस्तान और चीन से लगने वाली भारतीय सीमा का अधिकतर हिस्सा पहाड़ी है. इन हिस्सों में तैनात सेना के जवानों तक कोई भी वस्तु पहुंचाना एक मुश्किल काम होता है. इस काम के लिए भारतीय सेना लंबे समय से खच्चर का इस्तेमाल करती आई है. लेकिन, अब भारतीय सेना इस काम के लिए रोबोटिक खच्चर (ROBOTIC MULE) का इस्तेमाल करेगी. इस खास तौर से भारतीय सेना के लिए डिजाइन किया गया है.
रोबोटिक MULE को पाकिस्तान और चीन की सीमा पर तैनात किया जा सकता है. यह खास रोबोटिक MULE आतंकियों के साथ “फर्स्ट कॉन्टैक्ट” की तरह इस्तेमाल किया जाता है. दिन और रात में दुश्मन की सटीक लोकेशन पता लगाने में इस पर लगे 360 डिग्री कैमरा काम आते हैं. इस MULE में निगरानी के लिए थर्मल कैमरे और अन्य सेंसर लगे हैं. इस पर छोटे हथियार भी लगाए गए हैं. सीमा पर तैनात जवानों के लिए छोटे मोटे सामान ले जाने में भी यह मदद करता है.
रोबोटिक MULE के खास फीचर
रोबोटिक MULE की चार टांगें हैं और इसका वजन करीब 51 किलो और लंबाई 27 इंच के आसपास है. रोबोटिक MULE मात्र एक घंटे में रिचार्ज हो कर यह लगातार 10 घंटे तक काम कर सकता है. थर्मल कैमरे और रडार जैसे कई उपकरण इसमें लगाने के बाद इसकी पेलोड क्षमता 10 किलोग्राम है. इसे वाई-फाई या लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन यानी एलटीई पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है. छोटी दूरी के लिए, वाई-फाई का उपयोग किया जा सकता है, जबकि 4जी/एलटीई का उपयोग 10 किमी तक की दूरी के लिए किया जा सकता है.
झांसी में दिखाया युद्ध कौशल
इस रोबोटिक MULE को झांसी के बबीना फायरिंग रेंज में भारतीय सेना द्वारा किए गए “स्वावलंबन शक्ति” युद्धाभ्यास में प्रदर्शित किया गया. यहां 4 रोबोटिक MULE ने युद्धकौशल का प्रदर्शन किया. उन्होंने दिखाया कि युद्ध क्षेत्र में वह कैसे काम करते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
October 22, 2024, 17:42 IST