33 साल से कायम है आस्था; महाकाल की तर्ज पर होता आयोजन, भक्तों को रहता इंतजार!

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Agency:News18 Madhya Pradesh

Last Updated:February 11, 2025, 21:42 IST

Maha Shivratri 2025: खरगोन में महाशिवरात्रि पर 18 से 26 फरवरी तक शिव नवरात्रि महोत्सव होगा. महामृत्युंजय महादेव मंदिर में रुद्राभिषेक, महाआरती और भजन संध्या होगी. 26 फरवरी को भगवान की शाही सवारी निकलेगी. गौशाला...और पढ़ें

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महामृत्युंजय

महामृत्युंजय भगवान

हाइलाइट्स

  • खरगोन में 18 से 26 फरवरी तक शिव नवरात्रि महोत्सव होगा.
  • हर दिन रुद्राभिषेक, महाआरती और भजन संध्या होगी.
  • 26 फरवरी को भगवान का डोला निकलेगा, सैकड़ों भक्त शामिल होंगे.

खरगोन. मध्य प्रदेश में उज्जैन के महाकाल मंदिर की तरह खरगोन में भी शिव नवरात्रि मनाई जा रही है. शहर के गांधी नगर स्थित भगवान महामृत्युंजय महादेव मंदिर में इस साल 18 फरवरी से महोत्सव शुरू होगा, जो 26 फरवरी तक चलेगा. इस बीच कई अनुष्ठान संपन्न होंगे. हर दिन रुद्राभिषेक, महाआरती और भजन संध्या से माहौल भक्तिमय बनेगा. खास बात यह है कि यहां भी महाकाल की तर्ज पर सभी अनुष्ठान होंगे. आखरी दिन भगवान का डोला निकलेगा, जिसमें सैकड़ों की संख्या में भक्त शामिल होंगे.

मंदिर के पुजारी गणेश चंद्र दवे एवं मंदिर संचालन समिति के अध्यक्ष शंकरलाल गुप्ता ने बताया कि 2025 में महाशिवरात्रि 26 फरवरी को पड़ रही है. उज्जैन की तरह यहां भी महाशिवरात्रि पर शिव नवरात्रि मनाई जाती है. 18 फरवरी से 9 दिनों तक हर सुबह 6 बजे भगवान का रुद्राभिषेक किया जाएगा. इसमें अलग-अलग यजमान शामिल होंगे. शाम को महाआरती होगी, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेंगे.

शाही सवारी में उमड़ेगा आस्था का सैलाब
26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन भगवान महामृत्युंजय महादेव की शाही सवारी निकलेगी. यह डोला नगर भ्रमण करेगा, जिसमें भक्तों की बड़ी भीड़ उमड़ेगी. बैंड-बाजों, ढोल-नगाड़ों और भजन मंडलियों के साथ पूरा शहर भक्ति में सराबोर हो जाएगा. सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे, जो इस आयोजन को और भव्य बनाएंगे.

गौशाला में होगा 100 गायों के लिए भंडारा
पुजारी बताते है कि, यहां साईं भगवान का भी मंदिर बना है. जिसके पाट महोत्सव पर मंदिर परिसर के पास स्थित गौशाला में 100 गायों के लिए भंडारे का आयोजन होगा. इसमें डेढ़ क्विंटल गेहूं, 40 किलो गुड़ और 10 किलो घी से बना दलिया (थुली) तैयार कर गायों को खिलाया जाएगा. इस पुण्य कार्य में श्रद्धालु भी भाग लेते, जिससे उन्हें गौसेवा का लाभ भी उन्हें मिलता है.

33 साल पहले हुई प्राण प्रतिष्ठा 
पुजारी गणेश चंद्र दवे बताते है की, 33 साल पहले साल 1992 में महाशिवरात्रि के दिन ही इस मंदिर में महामृत्युंजय भगवान की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी. श्रद्धालु इस दिन को पाटोत्सव के रूप में भी मनाते है. लोगों की इस मंदिर के प्रति अटूट आस्था है. मान्यता है कि यहां भगवान से मांगी हुई कोई भी मुराद खाली नहीं जाती है. इस साल भी महाशिवरात्रि पर उज्जैन की तरह पूरे मंदिर में शिव मंत्र गूंजेंगे, जिससे भक्तों को महाकाल की अनुभूति होगी.

Location :

Khargone,Madhya Pradesh

First Published :

February 11, 2025, 21:42 IST

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