72 घंटे पहले तक दिल्ली का पावरफुल मंत्री, अब पहुंच गए केजरीवाल का घर घेरने...

4 hours ago 1

नई दिल्ली. राजनीतिक पार्टियों के चाल, चरित्र और चेहरे को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं. राजनीतिक पार्टियों के चाल, चरित्र और चेहरे एक बार नहीं कई बार बेनकाब हो चुके हैं. अभी, दिल्ली का ही उदाहरण देख लीजिए 72 घंटे पहले तक जो नेता आतिशी कैबिनेट का पावरपुल मंत्रियों में से एक हुआ करता था. 72 घंटे बाद ही वही शख्स बागी होकर अरविंद केजरीवाल के घर का घेराव करने पहुंच जाता है. वहीं, तीन-चार दिन पहले तक जो नेता आम आदमी पार्टी को पानी पी-पी कर कोसता रहता था. वही नेता आम आदमी पार्टी ज्वाइन करने के बाद अरविंद केजरीवाल जिंदाबाद बोलने लगता है और पार्टी उसे विधानसभा का टिकट भी दे देती है. अरविंद केजरीवाला आए थे राजनीति में फैले भ्रष्टाचार नामक कीचड़ को साफ करने, लेकिन खुद भी और उनके एक-एक साथी या तो दलदल में फंस गए हैं या फिर उस दलदल से निकलकर भागने लगे हैं.

दिल्ली में पाला बदलने की कहानी पिछले कई महीनों से चल रही थी, लेकिन बीते कुछ दिनों में तो हद ही हो गई. जिस कैलाश गहलोत ने दिल्ली कैबिनेट से 72 घंटे पहले इस्तीफा दिया था, वही कैलाश गहलोत अरविंद केजरीवाल को जेल से बाहर आने पर उनकी गाड़ी में बैठकर सीएम आवास पहुंचते हैं. अरविंद केजरीवाल को लेने तिहाड़ जेल जाते हैं और उसी शीशमहल में आते हैं, जहां अरविंद केजरीवाल रहते हैं. शीशमहल आने पर सबसे पहले गाड़ी से उतरकर केजरीवाल को गुलदस्ता भी देते हैं.

दिल्ली में आया राम गया राम की राजनीति
अब, कैलाश गहलोत अरविंद केजरीवाल के ‘शीशमहल’ और भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर 72 घंटे पहले बीजेपी में शामिल हो जाते हैं. हद तो तब हो जाती है जब वह गुरुवार को अरविंद केजरीवाल का आवास का घेराव भी करने बीजेपी नेताओं के साथ पहुंच जाते हैं. इसी को कहते हैं राजनीति और इसका बदलता रुप. जरा सोचिए, अरविंद केजरीवाल ने जिस नेता को आम आदमी पार्टी का टिकट दिया, मंत्री बनाया, उस नेता को आखिरकार आम आदमी पार्टी छोड़ने की नौबत क्यों आई?

कैलाश गहलोत की राजनीति
देश की राजनीति में सालों से ‘आया राम गया राम’ की परंपरा चली आ रही है. नेता इस पार्टी से उस पार्टी में आते-जाते रहते हैं. सब खेल पद, पैसा और टिकट का होता है. आने-जाने से पहले नेता पार्टियों के साथ डील करते हैं कि आने के बाद उनकी हैसियत पार्टी में क्या होगी. ऐसे में शायद कैलाश गहलोत ने भी बीजेपी के साथ बड़ा डील कर लिया हो. लेकिन इन सब के बीच टूटता है जनता का भरोसा. इन्हीं वजहों से लोग राजनीति को गंदा कहते हैं.

कुल-मिलाकर दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राजनीति तेज हो गई है. गुरुवार को आम आदमी पार्टी ने 11 प्रत्याशियों की पहली सूची भी जारी कर दी है. जिन 11 नेताओं को अरविंद केजरीवाल ने टिकट दिया है, उसमें 6 नेता बाहर से आए हुए हैं. तीन नेता तो तीन दिन पहले ही पार्टी में शामिल हुए हैं. सोचिए, अरविंद केजरीवाल किस मुंह से अपने कार्यकर्ताओं को मुंह दिखाएंगे जो बीते पांच सालों से टिकट मिलने के आस में मेहनत कर होगा. लेकिन, अरविंद केजरीवाल को तो राजनीति करनी है. इसलिए उनको कैलाश गहलोत और राजकुमार आनंद जैसे नेताओं से जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता.

Tags: AAP Politics, Arvind kejriwal, BJP, Delhi Politics

FIRST PUBLISHED :

November 21, 2024, 20:37 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article