Basant Panchami: बसंत पंचमी पर ऐसे करें मां सरस्वती की पूजा, लगाएं इन चीजों का भोग

3 hours ago 2
basant panchmi Image Source : SOCIAL MEDIA मां सरस्वती

माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी... ये वह तिथि है जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा-अर्चना पूरे देश में की जाती है। इस साल बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जा रही है, वहीं कुछ जगहों पर बसंत पंचमी 3 फरवरी को मनाई जाएगी। ऐसे में जान लें कि दोनों दिन शुभ तिथि है। माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी 2 फरवरी की सुबह 9.14 मिनट पर शुरू होगी, जो 3 फरवरी की सुबह 06.54 बजे तक रहेगी। हालांकि इसी दिन (3 फरवरी) महाकुंभ का तीसरा व अंतिम स्नान भी आयोजित किया जा रहा है। कारण है कि हिंदू धार्मिक ग्रंथों में उदया तिथि को ही मान्यता दी जाती है।

कैसे की जानी चाहिए पूजा?

मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती की रचना स्वयं ब्रह्मदेव ने की थी यानी इसी दिन मां सरस्वती का अवतरण हुआ था। मां सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा जाता है, ऐसे में छात्रों और शिक्षकों को इस दिन पूजा जरूर करनी चाहिए। जातक को सबसे पहले घर की साफ-सफाई और फिर स्नान आदि कर पीले वस्त्र धारण करने चाहिए। फिर आसन बिछाकर मां सरस्वती के एक मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद मूर्ति को गंगाजल से स्न्नान कराएं और मां को कुमकुम, चंदन लगाए और धूप-दीप करें। इसके बाद नौवेद्य अर्पित करें और पीले फल, पीली मिठाई का भोग लगाए। इसके बाद मां की आरती करें। फिर बच्चों को पूजा के समय मंदिर के समीप पढ़ाई कराएं। इसके बाद भोग लगाया हुआ प्रसाद वितरित करें।

किन चीजों का लगाएं भोग?

ज्योतिषों के मुताबिक, इस तिथि पर उत्तरभाद्रपद नक्षत्र और शिव व सिद्ध योग बन रहा है। ऐसे में मां सरस्वती को कुछ चीजों का भोग लगाना लाभकारी हो सकता है, मां प्रसन्न होकर आपके करियर संबंधी बाधा हर लेंगी। आइए जानते हैं कि क्या हैं ये?

केसर भात

मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन देवी की विधि-विधान से पूजा करें और उन्हें केसर भात का भोग लगाए, इससे जातक के जीवन में दुख दूर हो जाएंगे।

मीठे चावल

मां सरस्वती को इस दिन मीठे चावल का भोग अतिप्रिय है, ऐसे में मीठे चावल का भोग लगाए, इससे देवी खुश होगी और कृपा बरसेगी।

बेसन के लड्डू

देवी को जातक बेसन के लड्डू का भोग भी लगा सकते हैं। इससे आपको रुके हुए कार्य चल पड़ेंगे।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article