Last Updated:January 31, 2025, 09:41 IST
Stroke Detection Technique: कई लोगों को स्ट्रोक के लक्षणों का पता ही नहीं चल पाता है और इसके कारण शरीर लकवाग्रस्त हो जाता है. ऐसी कंडीशन में नमस्ते करने से स्ट्रोक की पहचान हो सकती है. डॉक्टर्स ने स्ट्रोक के लक...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- स्ट्रोक के लक्षण पहचानने के लिए नमस्ते तकनीक उपयोगी है.
- नमस्ते से मांसपेशियों की कमजोरी, बोलने में कठिनाई पहचानें.
- समय पर स्ट्रोक का इलाज करने से जान बचाई जा सकती है.
Tips To Detect Stroke Symptoms: जब किसी व्यक्ति के ब्रेन में खून की सप्लाई रुक जाती है या ब्लड वेसल्स में रुकावट आ जाती है, तब इस कंडीशन में स्ट्रोक आ जाता है. स्ट्रोक आने पर लोगों के ब्रेन को खून और ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है. इससे ब्रेन सेल्स डेड होने लगती हैं. अगर स्ट्रोक आने के शुरुआती 2-3 घंटों में इलाज शुरू हो जाए, तो लोग रिकवर कर सकते हैं. स्ट्रोक आने पर लोगों को अचानक मांसपेशियों में कमजोरी, बोलने में कठिनाई, चेहरे का झुकना, बैलेंस बिगड़ना और विजन में दिक्कतें आने लगती हैं. अक्सर लोग ये लक्षण पहचान नहीं पाते हैं. हालांकि अब डॉक्टर्स ने स्ट्रोक के लक्षणों का पता लगाने का अनोखा तरीका बताया है. इसके जरिए आम लोग भी स्ट्रोक का वक्त रहते पता लगा सकते हैं.
मोहाली के फोर्टिस हॉस्पिटल के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. श्रीराम वर्धराजन ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पारंपरिक तरीके से नमस्ते करने से किसी गंभीर स्ट्रोक के दौरान लोगों की जिंदगी बच सकती है. यह स्ट्रोक डिटेक्ट करने की नई तकनीक बन सकती है. नमस्ते से हम तुरंत स्ट्रोक के लक्षणों की पहचान कर सकते हैं. हाथ जोड़ने से हाथ में कमजोरी या झुका हुआ हाथ पता चल सकता है. सीधे खड़े होकर मुस्कुराने से फेशियल ड्रॉप और असिमिट्री दिखाई दे सकती है. नमस्ते बोलने से बोलने में कठिनाई नजर आ सकती है. आंखें बंद करने से कोऑर्डिनेशन या बैलेंस खराब की समस्या डिटेक्ट होती है.
डॉ. वर्धराजन ने बताया कि मौजूदा स्ट्रोक की पहचान करने वाली अधिकांश तकनीकें चेहरे के लक्षण, हाथ का झुकना, पकड़ में कमजोरी और बोलने में समस्या पर ध्यान देती हैं. ये सभी लक्षण एक साथ नमस्ते करते समय जांचे जा सकते हैं. अगर व्यक्ति अकेला है, तो वह सामने आईने में खड़े होकर खुद भी यह परीक्षण कर सकता है. नमस्ते करते समय आंखें बंद करने से यह भी पता चल सकता है कि कहीं व्यक्ति को संतुलन या संवेदनात्मक समस्याएं तो नहीं हो रही हैं, जो पोस्टीरियर सर्कुलेशन स्ट्रोक का संकेत हो सकती हैं. इसलिए
एक्सपर्ट नमस्ते की तकनीक को एक सरल प्री-हॉस्पिटल स्क्रीनिंग विधि मान रहे हैं, जिसका उद्देश्य स्ट्रोक की जल्दी पहचान करना और इसके बारे में जागरुकता फैलाना है. समय पर स्ट्रोक का इलाज करने से जान बचाई जा सकती है, क्योंकि स्ट्रोक का इलाज करने के लिए एक टाइम लिमिट होती है. शुरुआती 2-3 घंटे में इलाज शुरू हो जाए, तो व्यक्ति की जान बच सकती है और लकवाग्रस्त होने का खतरा भी कम हो सकता है. स्ट्रोक एक बढ़ता हुआ संकट है. इसे रोकने के लिए पहला कदम जागरुकता बढ़ाना है और नमस्ते जैसी सरल तकनीकें लोगों को जल्दी स्ट्रोक को समझने का काम करती हैं.
First Published :
January 31, 2025, 09:41 IST