Last Updated:January 31, 2025, 12:19 IST
Rudraksha Benefits : ज्योतिष शास्त्र में दोष निवारण के लिए रुद्राक्ष धारण लाभकारी है. कालसर्प, शकट, केमद्रुम, ग्रहण और मंगल दोष के लिए विशेष मुखी रुद्राक्ष के उपाय बताए गए हैं.
हाइलाइट्स
- कालसर्प दोष के लिए आठ और नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें.
- शकट योग के लिए दो और 10 मुखी रुद्राक्ष लाभकारी.
- मंगल दोष के लिए तीन या 11 मुखी रुद्राक्ष धारण करें.
Rudraksha Benefits : ज्योतिष शास्त्र में जन्म कुंडली में मौजूद ग्रहों के द्वारा कई तरह के योग एवं दोष का निर्माण होता है. कुछ योग जो विशेष फलदाई होते हैं. लेकिन जो दोष होते हैं वह काफी पीड़ा एवं कष्ट जीवन में देते हैं. इन दोषों से मुक्ति के लिए ज्योतिष शास्त्र में रुद्राक्ष से संबंधित कई उपाय बताए गए. कुंडली में अलग-अलग देशों के लिए अलग-अलग उपाय के तौर पर रुद्राक्ष का पहनना काफी लाभकारी माना गया है. आइये विस्तार से जानते हैं कि किस दोष में कौन सा रुद्राक्ष आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगा.
जन्म कुंडली में अशुभ लोगों के लिए यह रुद्राक्ष धारण करें:
- कालसर्प दोष : यदि आपकी जन्म कुंडली में कालसर्प दोष है तो आप आठ एवं नौ मुखी रुद्राक्ष को काले धागे में बुधवार अथवा शनिवार के दिन धारण कर सकते हैं. इससे आपको कालसर्प दोष से लाभ मिलेगा.
- शकट योग : जन्म कुंडली में सकट योग होने पर 2 एवं 10 मुखी रुद्राक्ष को सफेद अथवा पीले धागे में सोमवार एवं गुरुवार के दिन धारण करने से लाभ मिलता है.
- केमद्रुम योग : जन्म कुंडली में जैसे गंभीर योग का निर्माण हो रहा है. तब आप दो मुखी रुद्राक्ष को सफेद धागे में सोमवार के दिन धारण अवश्य करें. यह बहुत ही खराब योग माना जाता है.
- ग्रहण योग : सूर्य से बनने वाले इस खतरनाक योग को ग्रहण योग कहते हैं. यदि जन्म कुंडली में ग्रहण योग सूर्य की बजह से बना है तो एक मुखी, आठ मुखी या नौ मुखी रुद्राक्ष को लाल रंग के धागे में रविवार के दिन धारण करने से लाभ होता है. यदि ग्रहण योग चंद्रमा की वजह से बन रहा है तो दो मुखी, आठ मुखी या नो मुखी रुद्राक्ष को सफेद दाग में सोमवार के दिन पहनें.
- मंगल दोष : अक्सर लोग मंगल दोष से काफी परेशान और घबराए रहते हैं. मंगल दोष की शांति के लिए तीन या 11 मुखी रुद्राक्ष को लाल धागे में मंगलवार के दिन धारण करना चाहिए.
रुद्राक्ष धारण करने की विधि : रुद्राक्ष मोती धारण करने के लिए श्रावण मास अथवा शुक्ल पक्ष का सोमवार, मासिक शिवरात्रि को सर्वोत्तम माना जाता है. सर्वप्रथम रुद्राक्ष को जल से स्नान करवा कर पंचामृत से अभिषेक करें एवं पुनः शुद्ध जल से स्नान कराएं. रुद्राक्ष की पांचों विचार पूजा कर शिवलिंग पर अर्पण करें एवं प्रभु से अपने लिए उत्तम फल प्राप्ति की कामना करते हुए उसे धारण करें.
First Published :
January 31, 2025, 12:19 IST