पहाड़ों की जान है यहां की झोली कढ़ी, स्वाद और सेहत दोनों में नंबर एक

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Agency:News18 Uttarakhand

Last Updated:January 31, 2025, 15:08 IST

Pahadi Jholi Recipes : इसे यहां भाषा में 'झोली' या 'प्यो' भी कहते हैं. पहाड़ी कढ़ी उत्तराखंड का पसंदीदा व्यंजन है. इसके बिना पहाड़ी थाली अधूरी है. पहाड़ों पर होटलों की थाली में इसे जरूर परोसा जाता है. 

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पहाड़ी

पहाड़ी झोली

हाइलाइट्स

  • पहाड़ी कढ़ी उत्तराखंड का प्रसिद्ध व्यंजन है.
  • झोली को चावल के साथ खाया जाता है.
  • झोली स्वास्थ्य के लिए लाभकारी मानी जाती है.

बागेश्वर. उत्तराखंड का पारंपरिक खानपान देशभर में मशहूर है. यहां के खानपान के तौर-तरीके बाहर के लोगों को भी खूब पसंद आते हैं. यहां की फूड रेसिपी को लेकर लोगों में काफी दिलचस्पी देखी जाती है. यहां की पहाड़ी कढ़ी भी खूब मशहूर है. इसे स्थानीय भाषा में ‘झोली’ या ‘प्यो’ भी कहते हैं. पहाड़ी कढ़ी उत्तराखंड का प्रसिद्ध व्यंजन है. इसके बिना पहाड़ी थाली अधूरी है. उत्तराखंड आने वाले पर्यटक भी झोली की खूब डिमांड करते हैं. इसे अधिकतर चावल के साथ खाया जाता है.

इस विधि से बनाएं

बागेश्वर की अनीता देवी ने लोकल 18 से इसे बनाने की विधि साझा की. वे कहती हैं कि पहाड़ी तरीके से झोली बनाने के लिए पहले लोहे की कड़ाही लें. उसमें सरसों का तेल गर्म कर लें. तेल से लाल मिर्च को हल्का भून लें. गर्म तेल में मेथी दाने का तड़का लगाएं. कटा हुआ प्याज डाल लें और ब्राउन होने दें. अब दही या झांझ में बेसन का घोल बना लें. घोल में स्वादानुसार नमक, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर या अन्य मसालें डालें. घोल को अच्छे से मिक्स करने के बाद कड़ाही में डाल दें. कहाड़ी में डालने के बाद 10 मिनट तक करछी से चलाते रहें. 10 मिनट और पकने के लिए छोड़ दें.

अनीता देवी के अनुसार, आप चाहें तो कढ़ी (झोली) में बेसन और प्याज की पकौड़ी भी डाल सकते हैं. हरी मेथी के पत्ते, कस्तूरी मेथी और मूली भी डाल सकते हैं. इस तरह आपकी पहाड़ी झोली बनकर तैयार हो जाएगी. इसे चावल के साथ सर्व करें. स्थानीय स्तर पर झोली बनाने के लिए सामान्य तौर पर प्याज, झांझ, बेसन और मसाले का यूज होता है. आप स्वादानुसार इसमें पहाड़ी या सामग्री और मसाले यूज कर सकते हैं.

स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद

पहाड़ी झोली को हेल्थ के लिए काफी लाभकारी माना गया है. इसमें घरेलू गाय या भैंस के दही या झांझ का यूज किया जाता है. इसलिए इसकी गुणवत्ता अधिक होती है. अब तो शहरों से पहाड़ आने वाले मेहमानों भी पहाड़ी झोली की डिमांड करते हैं. बेसन के साथ पहाड़ी मसाले भी पाचन शक्ति को मजबूत बनाते हैं. कढ़ी खाने से कई फायदे हैं. कढ़ी में विटामिन, मिनरल, प्रोटीन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, फॉलिएट, विटामिन B6 और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. कढ़ी खाने से हीमोग्लोबिन बढ़ता है, दिल स्वस्थ और डायबिटीज पर नियंत्रण रहता है. कढ़ी में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया पेट के लिए फायदेमंद हैं.

Location :

Bageshwar,Uttarakhand

First Published :

January 31, 2025, 15:08 IST

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पहाड़ों की जान है यहां की झोली कढ़ी, स्वाद और सेहत दोनों में नंबर एक

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