Economic Survey 2024-25: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को संसद में पेश किए जाने वाले बजट से पहले आज आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट पेश की। आर्थिक सर्वे 2024-25 में देश के तमाम बड़े मुद्दों का जिक्र है। सर्वे में नौकरी करने वाले कर्मचारियों के मेंटल हेल्थ को लेकर भी एक रिपोर्ट तैयार की गई है। सर्वे के अनुसार, अच्छे मैनेजर और सहकर्मियों के साथ काम करने वाले कर्मचारियों ने खराब मैनेजर/सहकर्मियों के साथ काम करने वाले कर्मचारियों की तुलना में 100-पॉइंट ज्यादा (33 प्रतिशत) मेंटल वेल-बींग स्कोर की रिपोर्ट करते हैं।
काम के दौरान सोशल इंटरैक्शन बहुत जरूरी
इसके अलावा, जो कर्मचारी अपने काम पर सबसे ज्यादा गर्व और उद्देश्य की रिपोर्ट करते हैं, उनका मेंटल वेल-वींग स्कोर 100-पॉइंट ज्यादा (33 प्रतिशत) और सबसे खराब रिपोर्ट करने वालों की तुलना में 120-पॉइंट (40 प्रतिशत) ज्यादा होता है। इसके अलावा, पूरी तरह से रिमोट वर्क कंडीशन में काम करने वाले व्यक्तियों का मेंटल वेल-बींग स्कोर पूरी तरह से इन-पर्सन या हाइब्रिड वर्क मॉडल में अपने काउंटरपार्ट्स की तुलना में करीब 50 पॉइंट (17 प्रतिशत) कम होता है, जो ये बताता है कि मेंटल हेल्थ को बनाए रखने के लिए काम के दौरान सोशल इंटरैक्शन बहुत जरूरी है।
लंबे समय तक डेस्क पर रहना मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक
इतना ही नहीं, हफ्ते में 70-90 घंटे तक काम करने को लेकर जारी बहस के बीच शुक्रवार को पेश किए गए आर्थिक समीक्षा ने स्टडी का हवाला देते हुए कहा कि इसका स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। समीक्षा में सैपियन लैब्स सेंटर फॉर ह्यूमन ब्रेन एंड माइंड की एक स्टडी का हवाला देते हुए कहा गया, ''कहा गया कि डेस्क पर लंबा समय बिताना कर्मचारी के मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और जो व्यक्ति डेस्क पर रोजाना 12 या इससे ज्यादा समय बिताता है, उसे मेंटल हेल्थ से जुड़ी दिक्कतों से जूझना पड़ता है।''
हफ्ते में 55-60 घंटे से ज्यादा काम खड़ी कर सकता है समस्या
समीक्षा में Pega F, Nafradi B (2021) और WHO/ILO के काम से जुड़ी बीमारियों के संयुक्त अनुमानों का हवाला देते हुए कहा गया, ‘‘काम पर बिताए गए घंटों को आमतौर पर उत्पादकता का एक उपाय माना जाता है, लेकिन पिछली रिपोर्ट ने साफ है कि हफ्ते में 55-60 घंटे से ज्यादा काम करने का सेहत पर बुरा असर हो सकता है।’’