Last Updated:January 31, 2025, 17:14 IST
एमसीसी ने अफगानिस्तान की रेफ्यूजी महिला क्रिकेटरों के लिए फंड जुटाने का निर्णय लिया है. इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने भी मदद के लिए हाथ बढ़ाया है.
नई दिल्ली. तालिबान के सत्ता में आने और देश में महिलाओं पर व्यापक प्रतिबंध लगाने के बाद सैकड़ों एथलीट अफगानिस्तान से भाग गए. 2020 में देश के क्रिकेट बोर्ड से अनुबंधित 25 अफगान महिलाओं में से अधिकांश ऑस्ट्रेलिया में बस गई हैं और उन्होंने गुरुवार को अपना पहला मैच खेला. एमसीसी ने अफगानिस्तान की रेफ्यूजी महिला क्रिकेटरों के लिए फंड जुटाने का निर्णय लिया है.
एमसीसी का लक्ष्य शुरुआत में एक मिलियन पाउंड 1.24 मिलियन डॉलर (10 करोड़ से अधिक) जुटाना है. एमसीसी सचिव रॉब लिंच ने एक बयान में कहा, “क्रिकेट में प्रेरित करने, एकजुट करने और सशक्त बनाने की शक्ति है और इस पहल के माध्यम से हमारा लक्ष्य उन लोगों तक उम्मीद और अवसर पहुंचाना है जिन्हें इसकी सबसे अधिक जरूरत है.”
तालिबान का कहना है कि वे इस्लामी कानून और स्थानीय रीति-रिवाजों की अपनी व्याख्या के अनुसार महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करते हैं और वे आंतरिक मामले हैं जिन्हें स्थानीय स्तर पर संबोधित किया जाना चाहिए. क्रिकेट के नियमों के लिए जिम्मेदार MCC ने एक बयान में कहा कि शरणार्थी कोष का प्रारंभिक फोकस सुरक्षित प्रशिक्षण सुविधाएं, शैक्षिक अवसर और विकास के मार्ग प्रदान करने के लिए धन जुटाना होगा.
इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने भी मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. ECB की उप मुख्य कार्यकारी क्लेयर कॉनर ने कहा, “क्रिकेट समुदाय को बहादुर अफगान महिलाओं का समर्थन करने और यह आशा देने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए कि क्रिकेट किसी भी महिला या लड़की के लिए एक खेल हो सकता है.”
Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
January 31, 2025, 17:14 IST