Last Updated:January 31, 2025, 17:06 IST
INDIAN COAST GAURD NEWS: समंदर के रास्ते पाकिस्तान भारत में आतंकवाद और ड्रग्स फैलाने की कोशिश करता था. अब वह इसकी हिमाकत करने से पहले भी हजार बार सोचता है. भारतीय कोस्ट गार्ड ने अपनी तैनाती को इस कदर बढ़ाया है,...और पढ़ें
INDIAN COAST GAURD NEWS: “वयं रक्षामह” (हम रक्षा करते हैं) के आदर्श वाक्य के साथ कोस्ट गार्ड भारतीय समुद्री सीमा की रक्षा में जुटी है. अंतर्राष्ट्रीय नीयम के मुताबिक तट से लकर 200 नॉटिकल मील दूर तक का पूरा इलाका एक्सक्लूसिव जोन माना जाता है. भारतीय EEZ के सुरक्षा की जिम्मेदारी भारतीय नौसेना की है. तट से 16 किलोमीटर ICG के कार्य क्षेत्र है. किसी भी तरह की अवैध गतिविधियों को रोकने, समुद्र में आई किसी भी तरह की आपदा में रातह बचाव के लिए हमेशा ततपर है कोस्ट गार्ड. पाकिस्तान, श्रीलंका, म्यांमार और अन्य देशों से भारतीय समुद्री क्षेत्र में आने वाले हर जहाज और बोट पर इनकी नजर है.
नार्को टेरेरिजम कR तोड़ दी कमर
समुद्र के रास्ते अवैध सामग्री की तस्करी पिछले कई दशकों से जारी है. 1977 में कोस्ट गार्ड के गठन के बाद से भारतीय निगरानी बढ़ी है. मुंबई हमले के बाद से तो चौकसी को और चौक चौबंद किया गया है. पिछले 48 साल में भारतीय कोस्ट गार्ड ने 52,560.96 करोड़ रुपये कीमत की ड्रग्स और नॉरकोटिस को भारत में आने से रोका है. पिछले पूरे साल भर में अलग अलग ऑपरेशन में कोस्टगार्ड ने 37,217 करोड़ रुपये के नरकोटिस को पकड़ा. पिछले साल की सबसे बड़ी पकड़ थी अंडमान सागर में. म्यांमार की बट से 6016 किलोग्राम मादक पदार्थों जब्त किया.
हर साल हो रही कोस्ट गार्ड ताकतवर
कोस्ट गार्ड ने तकरीबन पांच दशक पहले अपनी शुरुआत केवल 7 समुद्री प्लेटफार्मों से थी. चुनौतियों के बढ़ने के साथ उनसे निपटने के लिए उनकी ताकत में भी इजाफा किया गया. इस वक्त कोस्टगार्ड के पास 151 जहाज और 76 एयरक्राफ्ट मौजूद है. कोस्ट गार्ड का लक्षय है, साल 2030 तक अपने बेड़े की ताकत को 200 समुद्री प्लेटफार्म और 100 विमानों तक पहुंचना. ICG भारत के 4.6 मिलियन वर्ग किलोमीटर के इलाके में 24 घंटे निगरानी बनाए रखता है. हर दिन 55 से 60 समुद्री प्लेटफार्मों और 10 से 12 विमानों के जरिए निगरानी की जाती है. ताकि भारत के विशाल समुद्री क्षेत्र की रक्षा की जा सके. आत्मनिर्भरता और आधुनिकीकरण की मुहीम के तहत स्वदेशी क्षमताओं को अपनाए जा रहा हैं.
कोस्ट गार्ड ने औसत के हिसाब से हर 2 दिन बचाई 1 जान
समुद्र में होने वाले हादसों में सबसे पहले मौके पर पहुंचने वाली फोर्स में कोस्टगार्ड है. अपने गठन के बाद से अब तक कोस्ट गार्ड ने ने 11,730 से ज्यादा लोगों की जान बचाई है.पिछले साल कुल 169 लोगों का जान की रक्षा कोस्ट गार्ड ने की. आगर इसका औरत निकाला जाए तो हर दूसरे दिन एक जान बचाई गई है. समंदर में तलाशी और बचाव अभियानों के अलावा, ICG समुद्र में अवैध गतिविधियों को रोकने और उनसे लोहा लेने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. चाहे समंदर में आया कोई चक्रवाती तूफान हो या फिर बाढ़ में राहत बचाव, हर जगह कोस्टगार्ड नजर आती है. ICG की सक्रिय भूमिका समुद्री पर्यावरण सुरक्षा में भी दिखाई देती है. भारतीय समुद्री क्षेत्र में तेल रिसाव जैसा घटनाओं के दौरान पर्यावरण को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए तुरंत एक्टिव हो जाती है.
First Published :
January 31, 2025, 17:06 IST