Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:January 31, 2025, 12:21 IST
Prayagraj: प्रयागराज में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ पर कई अखाड़ों के संतों ने अपनी संवेदना प्रकट की है. किसने क्या कहा और यहां की व्यवस्थाओं पर महामंडलेश्वरों की क्या राय है, आइये जानते हैं.
महामंडलेश्वर पंचायती निर्वाणी अखाड़ा
प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या की रात काफी दुखद रही क्योंकि इसी रात 1:00 बजे से लेकर 2:00 बजे के बीच श्रद्धालुओं की भीड़ में भगदड़ मच गई और कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. ऐसे में महाकुंभ के दूसरा सबसे प्रमुख अमृत स्नान, मौनी अमावस्या पर सनातन धर्म के प्रमुख 13 अखाड़ों ने भी सांकेतिक रूप से शोक मनाया. उन्होंने जहां मौनी अमावस्या के दिन करीब 2:00 बजे अमृत स्नान किया, तो वहीं अखाड़ों ने बिना रथ के संगम घाट तक पहुंचकर श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि भी दी. संतों ने इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए अपनी प्रतिक्रिया भी दी.
बिना रथ और गाजे-बाजे के हुआ स्नान
महाकुंभ 2025 काफी भव्य, दिव्य एवं दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक मेलों में से एक है, जहां पर दुनिया भर के कोने-कोने से करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने प्रयागराज संगम पहुंच रहे हैं. ऐसे में संगम नोज पर बढ़ती भीड़ के दबाव के चलते भगदड़ मच गई और 30 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. ऐसे में मौनी अमावस्या के दिन प्रमुख अमृत स्नान पर संतों ने श्रद्धालुओं की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए करीब दोपहर 2:00 बजे संगम स्नान किया, लेकिन बिना रथ और बिना गाजे-बाजे के.
क्या कहा संतों ने
लोकल 18 से बात करते हुए श्री पंचायती निर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर सर्वेक्षण आनंद जी महाराज ने कहा, “यह घटना बहुत ही दुखद है. मरने वाले श्रद्धालुओं को हमारी तरफ से विनम्र श्रद्धांजलि, भगवान उन्हें मोक्ष प्रदान करें” वहीं, निर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर ने कहा, “यह घटना समय का फेर है.” संतों ने इस पर गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि “श्रद्धालुओं से बढ़कर यहां कुछ नहीं है, इसलिए हमने घाट पर स्नान करने में देरी कर दी, ताकि आने वाले श्रद्धालु पहले स्नान कर सकें.”
बड़ा हादसा होने से बचा
संतों ने प्रशासन की व्यवस्था और तत्परता की काफी सराहना की. उन्होंने कहा कि “अगर प्रशासन इतना तत्पर न होता, तो यह घटना और भी बड़ी हो सकती थी लेकिन प्रशासन की दक्षता ने इसे रोक दिया और बड़ा हादसा होने नहीं दिया.” इस भगदड़ के बाद कुंभ से लेकर काशी और अयोध्या तक व्यवस्थाओं में बड़े बदलाव किए गए हैं और सुरक्षा के तगड़े इंतजाम भी किए गए हैं.
Location :
Allahabad,Uttar Pradesh
First Published :
January 31, 2025, 12:21 IST
मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ पर संतों ने कह दी ये बड़ी बात! बोले - मरने वालों को