Cavity In Kids: कैविटी से बचाना है दांत तो चॉकलेट से पहले इस चीज से करें बच्चे को दूर, एक्सपर्ट से समझें किन चीजों से क्या आती है खराबी?

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Cavity In Kid's Teeth: दांतों में कैविटी का होना अब आम बात हो गई है. बड़ों से लेकर बच्चे तक अब कैविटी का शिकार होते हैं. कई बार लगता है कि कैल्शियम की कमी की वजह से शायद दांत कमजोर हो रहे हैं. लेकिन एक सबसे ज्यादा चिंताजनक बात ये है कि बहुत छोटे बच्चे भी अब दांत में कैविटी की समस्या से जूझ रहे हैं. अक्सर पेरेंट्स इस बात का दोष चॉकलेट या मीठे को ही देते हैं और बच्चों को फोर्स करते हैं कि वो चॉकलेट कम से कम खाएं. जबकि दांतों में कैविटी की वजह सिर्फ चॉकलेट नहीं है. फिर कैविटी की शिकायत क्यों बढ़ रही है. इस बारे में एनडीटीवी ने काफी विस्तार से चर्चा की फरीदाबाद स्थित एम्स के डेंटिस्ट डॉ. जुल्फिकार हाफिस से. डॉ. हाफिस ने बताया कि कैविटी होने की वजह क्या है. और उससे बच्चों के दांतों पर क्या असर पड़ता है.

दांत में क्यों होती है कैविटी?| Cavity In Teeth

दांत में कैविटी होने के कारण

डॉ. जुल्फिकार हाफिस के मुताबिक दांतों में कैविटी होने का एक बहुत बड़ा कारण है चिप्स और नमकीन के पैकेट्स. अक्सर माता पिता बच्चों की जिद पूरी करने के लिए या उन्हें शांत रखने के लिए उन्हें बहुत आराम से चिप्स या किसी अन्य तरह का उनका फेवरेट नमकीन दिलवा देते हैं. पहले बच्चे कोल्ड ड्रिंक भी बहुत पिया करते थे. लेकिन अब कोल्ड ड्रिंक पीना कम हो गया है. पर, चिप्स और दूसरे नमकीन खाने का शौक बढ़ गया है. इन की वजह से मुंह के अंदर एसिडिक एनवायरमेंट बना ही रहता है. ये सिंपल या ईजी कार्ब्स होते हैं. जिन्हें बैक्टीरिया आसानी से फरमेंट करता है. इसी की वजह से मुंह में एसिड बनता है. इस एसिडिक एनवायरमेंट में रहने की वजह से दांत आसानी से गल जाते हैं और कैविटी होना आसान हो जाता है.

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इनेमल पर पड़ता है असर

हम सभी के मुंह में दांतों पर इनेमल की एक परत होती है. ये परत ही दांतों की हिफाजत भी करती है. लगातार जंक फूड खाते रहने से या चिप्स और नमकीन को हलका फुलका खाना मान कर खाते रहने से मुंह में कुछ न कुछ रहता ही है. इस तरह की डाइट को फ्रीक्वेंट फूड कहा जा सकता है. डॉ. जुल्फिकार हाफिस के मुताबिक ये खाना दांतों पर चिपका ही रहता है. बच्चों के दांत बहुत छोटे होते हैं और उन में इनेमल भी कम होता है. इसलिए उनके दांत जल्दी खराब हो जाते हैं. कई बार तो दो से ढाई साल की उम्र के बच्चे भी दांतों में कैविटी की शिकायत से परेशान रहते हैं.

दांत पर असर

मिल्क टीथ में आने वाली कैविटी का असर आगे भी पड़ सकता है. कैविटी की वजह से दांत कमजोर होकर जल्दी निकल जाता है या निकालना पड़ता है. जिसकी वजह से जबड़ा पूरी तरह नहीं बन पाता और जगह खाली हो जाती है. इस वजह से क्राउडिंग की परेशानी होती है यानी जबड़ा छोटा और दांत ज्यादा हो जाते हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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