नई दिल्ली :
उत्तर प्रदेश के कुंदरकी उपचुनाव (Kundarki by-election) में बीजेपी की जीत के बाद से ही विवाद बढ़ता जा रहा है. इस सीट पर 65 फीसदी मुसलमान वोटर हैं और समाजवादी पार्टी करीब डेढ़ लाख वोटों से हार गई है. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आज लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर योगी सरकार पर बोगस वोटिंग कराने का आरोप लगाया है. यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा है कि समाजवादी पार्टी अपनी हार पचा नहीं पा रही है. वहीं इस उपचुनाव में बीएसपी का खाता तक नहीं खुला है, जिसके बाद बीएसपी प्रमुख मायावती ने कभी उपचुनाव न लड़ने की कसम खाई है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव के नतीजे आने के दूसरे दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक ने जीत के लड्डू खाए और खिलाए. हालांकि बीजेपी की जीत से अखिलेश यादव का मन खट्टा हो गया है. कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव की हार से वे हैरान और परेशान हैं. इकतीस सालों बाद बीजेपी ने यह सीट जीत ली है.
उंगलियों पर स्याही नहीं, कैसे पड़ गया वोट? : अखिलेश यादव
कुंदरकी से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हाजी रिजवान के साथ अखिलेश यादव ने लखनऊ स्थित पार्टी ऑफिस में प्रेस कांफ्रेंस की और योगी सरकार पर चुनाव में फर्जी मतदान करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जब लोगों की उंगलियों पर स्याही का निशान ही नहीं लगा तो वोट कैसे पड़ गया.
मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट पर भाजपा ने इस बार असंभव को संभव कर दिया है. बीजेपी के ठाकुर रामवीर सिंह ने समाजवादी पार्टी को एक लाख 44 हजार वोटों से हराकर इतिहास रच दिया है.
अल्पसंख्यकों के BJP को वोट देने से अखिलेश परेशान : ब्रजेश पाठक
समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग से चुनाव रद्द करने की मांग की थी. अखिलेश यादव के आरोपों पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने जवाब देते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों ने बीजेपी को वोट कर दिया तो अखिलेश यादव परेशान हैं.
कुंदरकी के चुनावी नतीजे से ये संदेश जा रहा है कि मुसलमानों ने बीजेपी को वोट कर दिया है. इस सीट पर एक लाख 38 हजार हिंदू मतदाता हैं. जबकि बीजेपी को कुल वोट मिले 1 लाख 70 हजार. इसका मतलब है कि मुस्लिम बिरादरी के लोगों ने भी बीजेपी को वोट किया है.
अब तक तो यही कहा जाता रहा है कि मुसलमान सपने में भी बीजेपी का साथ नहीं दे सकते हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कुंदरकी में चुनाव प्रचार करते हुए कहा था कि जैसे दीपावली धूमधाम से मनाते हैं, वैसे ही ईद भी मनाई जाएगी. यहां उन्होंने बंटेंगे तो कटेंगे का नारा नहीं दिया था.