Donald Trump के ऐलान से चकराया चीन और पगलाया पाकिस्तान, जानें क्या बोला हिंदुस्तान

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डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के राष्ट्रपति। Image Source : AP डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के राष्ट्रपति।

वाशिंगटन डीसीः अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही डोनाल्ड ट्रंप ने चीन और पाकिस्तान को सबसे बड़ा टेंशन दे दिया है। इससे दोनों देशों में हड़कंप मच गया है। शपथ ग्रहण के पहले तक ट्रंप ने चीन से रिश्ते सुधारने का संकेत दिया था। मगर शपथ ग्रहण के बाद अपने एक ऐलान से उन्होंने चीन को चौंका दिया है। वहीं पाकिस्तान को भी गहरे सदमे में डाल दिया है। मगर इस मौके पर भारत ने छक्का जड़ दिया है। आइये अब आपको बताते हैं कि पूरा मामला है क्या, जिस पर पाकिस्तान और चीन में खलबली मच गई है। 

दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ने अपने शपथ ग्रहण करने के बाद मेक्सिको के बॉर्डर पर इमरजेंसी लगाने के बाद दूसरा सबसे बड़ा ऐलान जो किया, वह चीन से जुड़ा है। ट्रंप ने कहा कि वह पनामा नहर को पूरी तरह अपने नियंत्रण में लेंगे। बता दें कि इस नहर का अधूरा निर्माण अमेरिका ने 1914 में पूरा किया था। 1978 तक यह अमेरिका के ही नियंत्रण में थी। 1979 से अमेरिका और पनामा इस पर संयुक्त रूप से नियंत्रण करने लगे। मगर बाद में 1999 में अमेरिका ने इसका नियंत्रण पनामा को सौंप दिया था। 

चीन ने पनामा से दोस्ती कर अमेरिका का बिगाड़ दिया खेल

यह नहर पनामा को सौंपे जाने के बाद चीन ने पनामा से दोस्ती गहरी कर ली। चीन ने पनामा नहर पर दो बड़े पोर्ट बना दिए। धीरे-धीरे पनामा नहर का नियंत्रण चीन के हाथों चला गया। बता दें कि दुनिया के तमाम देश व्यापार के लिए पनामा नहर के जलमार्ग का इस्तेमाल करते हैं। अमेरिका भी इसी का इस्तेमाल करता रहा है। अगर अमेरिका के पास यह नहर नहीं होगी तो उसे पूर्वी से पश्चिमी अमेरिका जाने में  ही 20 किलोमीटर से अधिक का चक्कर काटना पड़ेगा। इसमें 1 हफ्ते का समय और ईंधन जाया होता है। जबकि इस मार्ग के इस्तेमाल से 10 से 12 घंटे लगते हैं। इसलिए अमेरिका के लिए यह नहर जरूरी है। वहीं पनामा पर अमेरिका की नजर गड़ती देख शी जिनपिंग टेंशन में आ गए हैं। 

पाकिस्तान को क्यों लगा झटका

पाकिस्तान को ट्रंप के आने से जो सबसे बड़ा झटका लगा है, उसकी वजह आतंकवाद के खिलाफ ट्रंप का सख्त रुख है। ट्रंप ने ऐलान किया है कि वह विदेशी आतंकवाद को पूरी तरह खत्म कर देंगे। इससे पहले ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी आतंकवाद को बढ़ावा देने पर पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की सूची में डाल दिया था। इससे पाकिस्तान को टेरर फंडिंग मिलनी बंद हो गई थी। करीब 4 साल तक पाकिस्तान पर यह प्रतिबंध लागू रहा। इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में कंगाली आ गई। ट्रंप के आतंकवाद के खिलाफ संबोधन भाषण में सख्त ऐलान से पाकिस्तान फिर बौखला गया है। 

भारत ने ट्रंप के शपथ लेने पर क्या कहा

एक तरफ जहां ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद चीन और पाकिस्तान में मातम जैसा माहौल है तो वहीं भारत रणनीतिक रूप से काफी मजबूत हो गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को खास अंदाज में बधाई देकर भारत-अमेरिका के रिश्तों के और मजबूत होने का संकेत दिया है। पीएम मोदी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "मेरे प्रिय मित्र राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को संयुक्त राज्य अमेरिका के 47 वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने पर बधाई! मैं दोनों देशों को लाभ पहुंचाने और दुनिया के बेहतर भविष्य को आकार देने के लिए एक बार फिर एक साथ मिलकर काम करने की आशा करता हूं। आगे एक सफल कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं!" ट्रंप ने सोमवार को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली। उनके साथ ही जे डी वेंस ने अमेरिका के उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। 

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