Explainer: अब CBI ने अपने ही DSP को किया गिरफ्तार, क्या है हिमाचल का स्कॉलरशिप स्कैम? जानें

2 hours ago 1
scholarship scam Image Source : INDIA TV क्या है हिमाचल का स्कॉलरशिप स्कैम?

Explainer:  हिमाचल प्रदेश के स्कॉलरशिप घोटाले की की जांच सीबीआई के साथ-साथ ईडी भी कर रही है। इस मामले में कुल 250 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा हुआ है। अब इस मामले में शिमला के ईडी दफ्तर के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर और CBI के DSP को गिरफ्तार किया गया है। यह मामला ढाई करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने और 55 लाख रुपये कैश मिलने से जुड़ा है। आइए, जानते हैं क्या है यह स्कॉलरशिप घोटाला और कैसे इसकी शुरुआत हुई?

दरअसल, इस घोटाले की शुरुआत 2013 में हुई।  2013 से 2019 के बीच हिमाचल प्रदेश के प्राइवेट संस्थानों ने दलित छात्रों को मिलने वाली स्कॉलरशिप में घोटाला किया। इसी मामले में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया और जांच शुरू की। बताया जाता है कि ईडी की जांच में  डिप्टी डायरेक्टर विशालदीप ने इस मामले में फंसे प्राइवेट संस्थानों से मामले को सुलझाने के लिए रिश्वत मांगी। आरोपों के मुताबिक वह हर संस्थान से एक-एक करोड़ रुपये मांग रहे थे। कुल ढाई करोड़ रुपये की रिश्वत का मामला सामने आया।

मुंबई से हुई थी ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर की गिरफ्तारी

इसके बाद सीबीआई की टीम ने सबसे पहले शिमला के ईडी दफ्तर में छापा मारा। सीबीआई ने पूर्व डिप्टी डायरेक्टर विशालदीप के भाई को गिरफ्तार किया। सीबीआई ने 55 लाख रुपये कैश भी बरामद किए। सीबीआई ने 18 दिनों के बाद विशालदीप मुंबई से गिरफ्तार कर लिया। वहीं, 20 जनवरी 2025 को इसी मामले में सीबीआई ने अपने डीएसपी बलबीर सिंह को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि डीएसपी बलबीर सिंह  रिश्वत के पैसों में 10 प्रतिशत की कमीशन मांग रहे थे। 

दरअसल, हिमाचल में सरकार की योजना के तहत 2.38 लाख एसटी, एससी और अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों को स्कॉलरशिप मिलनी थी। राज्य के प्राइवेट संस्थानों के छात्रों को भी स्कॉलरशिप दी जानी थी।  लेकिन इस स्कॉलरशिप के पैसे को प्राइवेट संस्थानों ने फर्जी तरीके से गबन कर लिया। छात्रों के फर्जी एडमिनशन दिखाकर और पैसे ले लिए गए। कुल फर्जीवाड़ा 250 करोड़ से ज्यादा का है। 

2023 में पड़े थे छापे

गौरतलब है कि इस मामले में ईडी ने 4 राज्यों में 24 स्थानों पर छापेमारी की थी। ये छापे  31 अगस्त 2023 को मारे गए थे और कुल 4.42 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई थी।  IAS अफसर अरुण शर्मा जब शिक्षा सचिव थे, तो उन्होंने सबसे पहले केस दर्ज करवाया था। उन्होंने अपने स्तर पर जांच की और पाया कि शिक्षा विभाग के कुछ अफसर और कर्मचारी संस्थानों के दलालों से मिलकर स्कॉलरशिप का पैसा गबन कर गए। इस मामले में जयराम सरकार ने साल 2019 में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी और फिर ईडी ने भी अपने स्तर पर जांच शुरू की।

इन लोगों ने लगाए थे आरोप

शिमला में 30 दिसंबर 2024 को हिमाचल प्रदेश के निजी शिक्षण संस्थान हिमालयन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन रजनीश बंसल, देवभूमि ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन भूपिंदर शर्मा, आईसीएल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन संजीव प्रभाकर और दिव्यज्योति ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डी.जे. सिंह ने ईडी पर उगाही, दुर्व्यवहार और टॉर्चर के आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि ईडी के डिप्टी डायरेक्टर ने 25 संस्थानों के संचालकों से 1-एक करोड़ रुपये की मांग की थी और कुल 25 करोड़ रुपये का टारगेट रखा था। इसके बाद सीबीआई ने ईडी के दफ्तर पर छापा मारा था।

20 संस्थान, 105 व्यक्तियों के खिलाफ चार्जशीट

30 मार्च 2024 को इस मामले में सीबीआई ने जांच पूरी की थी और  20 संस्थानों और 105 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में बताया था कि लाहौल और स्पीति में सरकारी स्कूलों के छात्रों को पांच साल से छात्रवृत्ति नहीं मिली, तो मामले का खुलासा हुआ। सीबीआई ने इस केस में 30 जगहों पर छापेमारी भी की थी। आरोपियों में कई शैक्षणिक संस्थानों के अध्यक्ष, निदेशक और कर्मचारी के साथ ही बैंक अधिकारी और शिक्षा विभाग के अधिकारी शामिल थे।

बता दें कि तत्कालीन उच्च शिक्षा विभाग के अधीक्षक अरविंद राजटा स्कॉलरशिप के आवंटन देख रहे थे। उन्होंने 9 फर्जी संस्थानों को 28 करोड़ से अधिक की स्कॉलरशिप राशि दी थी, जिसमें उनकी पत्नी की 33% हिस्सेदारी थी। राजटा को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था। ईडी ने सीबीआई द्वारा 8 मई 2019 को आईपीसी की धारा 409 (गबन), 419 (व्यक्ति द्वारा धोखाधड़ी), 465 (जालसाजी), 466 (इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों में जालसाजी) और 471 (जाली दस्तावेज का वास्तविक के रूप में उपयोग) के तहत दर्ज FIR के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी।

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article