Explainer: कौन हैं IAF ऑफिसर शुभांशु शुक्ला? क्या है Axiom Mission 4? यहां जानें हर डिटेल

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Shubhanshu Shukla, Shubhanshu Shukla News, Shubhanshu Shukla IAF Image Source : FILE IAF ऑफिसर शुभांशु शुक्ला।

भारतीय वायु सेना यानी कि IAF के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला जल्द ही इतिहास रचने वाले हैं। वह फ्लोरिडा के अंतरिक्ष स्टेशन से SpaceX Dragon स्पेसक्राफ्ट पर सवार होकर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री के रूप में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार हैं। NASA और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के बीच संयुक्त प्रयास के तहत, शुभांशु शुक्ला को ISS के लिए Axiom Mission 4 का पायलट नियुक्त किया गया है। NASA ने गुरुवार को ऐलान किया था कि SpaceX Dragon 2025 के वसंत के बाद ही उड़ान भरेगा।

IAF ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने गुरुवार को कहा कि वह 'भारतवासियों' के साथ अपने अनुभव साझा करने के लिए उत्सुक हैं। शुक्ला ने कहा कि वह अपने अंतरिक्ष यान पर देश का प्रतिनिधित्व करने वाली कुछ चीजें ले जाने की योजना बना रहे हैं और वह ऑर्बिटल लैब में योगासन करने की भी उम्मीद कर रहे हैं। शुभांशु ने कहा कि मिशन पर वह जो इंडियन फूड लेकर जाएंगे, उसे अपने साथियों को भी खिलाएंगे। शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला, जो एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी हैं, ने मिशन के लिए चुने जाने पर कहा था कि उनका परिवार घबराया हुआ नहीं है, बल्कि गर्व महसूस कर रहा है।

कौन हैं शुभांशु शुक्ला?

Axiom Mission 4 वेबसाइट पर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को भारतीय वायुसेना का एक प्रतिष्ठित पायलट बताया गया है। वेबसाइट के मुताबिक, शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था। शुभांशु शुक्ला को जून 2006 में भारतीय वायुसेना की फाइटर विंग में शामिल किया गया था। एक कॉम्बैट लीडर और अनुभवी टेस्ट पायलट के रूप में शुभांशु शुक्ला के पास Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और An-32 सहित विभिन्न विमानों पर 2,000 घंटे की उड़ान का अनुभव है। शुभांशु शुक्ला को मार्च 2024 में ग्रुप कैप्टन के पद पर प्रमोट किया गया था। बता दें कि शुभांशु शुक्ला भारत के अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान गगनयान मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्री के तौर पर नॉमिनेटेड हैं।

Axiom की वेबसाइट के मुताबिक, 2019 में शुभांशु शुक्ला को ISRO की तरफ से एक 'बेहद जरूरी कॉल' गई थी जिसके बाद उन्होंने रूस के मॉस्को में स्थित स्टार सिटी में यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में कठोर ट्रेनिंग ली। एक साल की इस ट्रेनिंग के बाद अब शुभांशु Axiom Mission 4 के पायलट के रूप में अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार हैं। बता दें कि राकेश शर्मा 1984 में सोवियत इंटरकॉस्मोस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में तत्कालीन USSR के सोयूज टी-11 मिशन पर सवार होकर अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले भारतीय थे।

Axiom Mission 4 में क्या है खास?

भारत के अलावा Axiom Mission 4 या एक्स-4 मिशन न सिर्फ भारत बल्कि पोलैंड और हंगरी के लिए भी खास है। दरअसल, भारत,  पोलैंड और हंगरी के किसी नागरिक की यह  40 से अधिक वर्षों में पहली सरकारी प्रायोजित उड़ान होगी। एक्स-4 इन देशों के इतिहास में दूसरा मानव अंतरिक्ष यान मिशन है, लेकिन यह पहली बार होगा जब तीनों देश ISS पर सवार होकर मिशन को अंजाम देंगे। Axiom Mission 4 की वेबसाइट पर लिखा है, 'यह ऐतिहासिक मिशन इस बात को रेखांकित करता है कि कैसे एक्सिओम स्पेस पृथ्वी की निचली कक्षा के मार्ग को फिर से परिभाषित कर रहा है और वैश्विक स्तर पर राष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रहा है।'

NASA ने कहा कि एजेंसी के पूर्व अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम स्पेस के मानव अंतरिक्ष उड़ान निदेशक, पैगी व्हिटसन वाणिज्यिक मिशन की कमान संभालेंगे और शुक्ला मिशन पायलट होंगे। मिशन एक्सपर्ट के रूप में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी परियोजना अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज्नान्सकी-विज्निएव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू मौजूद रहेंगे। नासा ने कहा कि अंतरिक्ष यात्री कक्षा में स्थित प्रयोगशाला में 14 दिन तक बिताने की योजना बना रहे हैं, जिसमें विज्ञान, आउटरीच और कमर्शियल गतिविधियों से युक्त मिशन का संचालन किया जाएगा।

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