Agency:News18 Bihar
Last Updated:January 31, 2025, 14:16 IST
Begusarai Graduate Fish Farmer: बेगूसराय के रहने वाले ग्रेजुएट मछली पालक कन्हैया शरण साल के छह महीने टिशू कल्चर बीज और छह महीने मछली पालन कर बाजार में सप्लाई करते हैं. कन्हैया मछली पालन के लिए प्रशिक्षण भी लिया...और पढ़ें
लोकल 18 पर अपनी कहानी बताते कन्हैया शरण
हाइलाइट्स
- कन्हैया शरण मछली पालन से हर माह लाखों कमा रहे हैं.
- सरकार की मदद से कन्हैया ने मछली पालन में सफलता पाई.
- कन्हैया ने मछली पालन का प्रशिक्षण लेकर स्टार्टअप शुरू किया.
बेगूसराय: प्रदेश में जहां एक ओर डिग्रीधारी बेरोजगार युवा रोजगार के लिए भटक रहे हैं. वहीं दूसरी ओर बेगूसराय का एक लड़का जूलॉजी से ग्रेजुएशन के दौरान एडीशनल सब्जेक्ट में मछली पालन की पढ़ाई कर खुद का स्टार्टअप शुरू कर मिशाल पेश कर दिया. इस लड़के ने किसान बनकर ना सिर्फ खुद के लिए स्वरोजगार सृजित किया बल्कि इससे आत्मनिर्भर भी बन गया. इस व्यवसाय में कई अन्य लोगों को जोड़कर उनके आत्मनिर्भर बनने में भी मदद कर रहे हैं.
कन्हैया शरण नाम का यह लड़का बखरी प्रखंड का रहने वाला है. जब इन्होंने मछली पालन व्यवसाय में कदम रखा है तो, सरकार की तरफ से मदद भी मिली. बेगूसराय जिला मत्स्य पालन विभाग ने इन्हें प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया. इसके बाद कन्हैया शरण सफलता की सीढ़ी पर चढ़ते हुए अच्छी कमाई भी करने लगे.
मछली पालन में इन बातों का जरूर रखें ख्याल
कन्हैया शरण में लोकल 18 को बताया कि जब पहली बार मछली पालन व्यवसाय शुरू किया तो, इस दौरान कभी तालाब के पानी का पीएच मान बढ़ जाता था तो, कभी ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता था. इसके चलते नुकसान भी सहना पड़ा. मछलियां काफ़ी संख्या में मरने लगी थी. इसके बाद साल 2023 में मत्स्य पालन विभाग के सहयोग से किशनगंज जाकर मछली पालन के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की. दो महीने पूर्व ही भुवनेश्वर से और भी विस्तृत रूप से प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटे हूैं. इस प्रशिक्षण में खाना कैसे दिया जाता है ? कौन-कौन सी दवाई देनी है ? जब ऑक्सीजन लेवल कम हो जाए तो ऑक्सीजन लेवल सही कैसे किया जाए आदि कई सवालों के जवाब प्रशिक्षण के दौरान सीखने को मिला.
हर माह लाखों में हो रही है कमाई
मछली के कारोबार जुड़े बबलू चौरसिया ने बताया कि वह कन्हैया के पास मछली का बीज लेने के लिए आया है. उन्होंने बताया कि एक सीजन में 70 से 80 हजार तक के मछली खरीद लेते हैं. आपको बता दें कि मछली का एक सीजन 6 महीने का माना जाता है. कन्हैया शरण बताते हैं हेचरी में मछली का बीज तैयार करते हैं. बीज तैयार करने का कल्चर साल में 6 महीने चलता है. 6 महीने के सीजन तक प्रत्येक महीने लाख रुपए का तो टिश्यू कल्चर बीज बेच ही लेते हैं. इसके बाद बचे 6 महीने तक जो टिश्यू कल्चर बच जाता है, उसे मछली के रूप में तैयार कर बाजार में पांच छह लाख तक का बेच लेते हैं. कन्हैया ने सरकार से अपील की है कि गंगा में जो मछली का टिशु कल्चर प्रवाहित किया जाता है, सरकार इनसे टिश्यू कल्चर खरीदे.
Location :
Begusarai,Bihar
First Published :
January 31, 2025, 14:16 IST